नई दिल्ली. भारत में इस वक्त चुनावी माहौल है और विपक्ष सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है. पूरे देश में जो मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में है वो सीएए कानून है. इसी मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अपनी बात सबके सामने रखी. उन्होंने इसे चुनाव से जोड़ने वालों पर जमकर निशाना साधा और ऐसा जवाब दिया जिसके बाद सवाल उठाने वाले सोच में पड़ गए.
गृह मंत्री ने याद दिलाया कि विभाजन के दौरान, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों का भारत में स्वागत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विभाजन के समय पाकिस्तान में हिंदू आबादी 23 प्रतिशत थी, जो घटकर अब दो प्रतिशत हो गई है. बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 22 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है और अफगानिस्तान में सिखों की संख्या दो लाख से घटकर मात्र 378 रह गई है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया वादा पूरा किया.’’
सीएए के दायरे से मुसलमानों को बाहर रखने के बारे में पूछे जाने पर, गृहमंत्री ने कहा कि सभी तीन देशों को इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया गया है और मुसलमानों को वहां उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ता. उन्होंने कहा, ‘‘सीएए के कारण किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। मैं मुस्लिम भाइयों और बहनों से कहूंगा कि वे विपक्ष की बात न सुनें. विपक्ष आपके साथ फिर से केवल राजनीति कर रहा है.’’
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह चुनाव के बाद इस बारे में बात करेंगे. राहुल गांधी के ओबीसी कल्याण का मुद्दा उठाए जाने संबंधी सवाल पर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद ओबीसी हैं, लेकिन राहुल गांधी को यह नजर नहीं आता. शाह ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी मंत्री हैं, लेकिन वे इसे नहीं देख सकते। राहुल गांधी को नहीं पता कि वह क्या कह रहे हैं।’’
पश्चिम बंगाल पर गृहमंत्री ने कहा कि भाजपा वहां 42 में से 25 से अधिक सीट जीतेगी. उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर पश्चिम बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया.
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FIRST PUBLISHED : March 16, 2024, 01:48 IST