गजरौला की इसी स्कूल की शिक्षिकाओं का वीडियो हुआ वायरल
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रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में घिरीं खुंगावली के सरकारी स्कूल शिक्षिकाओं के खिलाफ 11 अभिभावकों ने विरोध किया। कुछ ग्रामीण उनके समर्थन में भी रहे। विरोध करने वाले अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल जाने से रोकते हुए प्रदर्शन भी किया।
अभिभावकों ने कहा कि जब तक शिक्षिकाओं को स्कूल से नहीं हटाया जाएगा, वह स्कूल का बहिष्कार जारी रखेंगे। वह डीएम से मिल कार्रवाई की मांग करेंगे। शुक्रवार को विद्यालय में अध्ययनरत कुछ छात्र-छात्राएं अपने अभिभावकों के संग राधा-कृष्ण मंदिर में एकत्र हुए।
यहां शिक्षिकाओं के खिलाफ नारेबाजी कर कहा कि उनका पढ़ाई-लिखाई पर कोई ध्यान नहीं है। इस कारण वह स्कूल का बहिष्कार कर रहे हैं। आरोप लगाया कि शिक्षिकाओं का व्यवहार अच्छा नहीं है। ग्रामीण रमेश का कहना है कि वह शिक्षिकाओं के खिलाफ शपथ पत्र तैयार करा रहे हैं।
इसको लेकर कलक्ट्रेट में जाकर जिलाधिकारी को सौंपेंगे। विरोध करने वालों में सोमपाल, कमल सिंह, रमेश, प्रवेश देवी, शांति, रेखा, धनवती, शिव कुमार, टेकचंद आदि शामिल रहे।
शिक्षिकाओं को मिला विद्यार्थियों और ग्रामीणों का साथ
स्कूल में पढ़ाने की बजाय रील बनाने का आरोप झेल रहीं चारों शिक्षिकाओं को भी ग्रामीणों का साथ मिल गया है। शुक्रवार को स्कूल में पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि कुछ परिवार ही उनका विरोध कर रहे हैं, जबकि बाकी को कोई दिक्कत नहीं है। गांव की महिलाओं ने समर्थन करते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो उनके साथ वह अधिकारियों से भी मिलेंगी।
शुक्रवार को भी प्राथमिक विद्यालय में 210 में से 138 छात्र-छात्रा और जूनियर में 241 विद्यार्थियों में 75 उपस्थित रहे। प्रधानाध्यापक कमल कुमार गुप्ता का कहना है कि धान की कटाई चल रही है। छात्र-छात्रा अपने परिजनों का सहयोग करने के लिए काम में लगे हैं।
विद्यार्थियों को मोहरा बनाकर तो नहीं की जा रही राजनीति
शिक्षिकाओं पर पढ़ाई में दिलचस्पी न लेने का आरोप लगाने वाले छात्र-छात्राएं काफी छोटे हैं। सोशल मीडिया से संबंधित अधिक जानकारी भी उन्हें शायद हो। जिस तरह से उन्होंने विरोध जताया उससे प्रतीत हो रहा है कि इसके पीछे किसी और का हाथ है। इसके साथ ही बच्चों को मोहरा बनाया जा रहा हो।
शिक्षिकाएं जूनियर में पढ़ाती हैं, जबकि आरोप लगाने वालों में कक्षा एक का अतुल व कक्षा तीन में पढ़ रहा अतुल भी शामिल है। गांव में यह भी चर्चा चल रही है कि एक शिक्षिका की गांव में खेती की जमीन है। जिसे स्कूल में तैनात शिक्षामित्र को ठेके पर दी गई थी। काफी समय से रुपये नहीं देने के कारण शिक्षिका ने अपनी जमीन वापस ले ली। तबसे ही शिक्षिकाओं पर पढ़ाई में रुचि न लेने का आरोप लगने लगा।
खुंगावली की शिक्षिकाओं द्वारा बनाई रील के प्रकरण में जिला स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है। जो जिला अधिकारी के निर्देशन में बनाई गई है। जांच के बाद ही अगली कार्रवाई होगी। बच्चों के स्कूल जाने के बहिष्कार के बारे में संबंधित स्टाफ व खंड शिक्षा अधिकारी से पूछताछ की जाएगी। –डॉ. मोनिका, बीएसए, अमरोहा