अभी जेल में ही मटन-चिकन खाएंगे इमरान, सिफर केस में 13 सितंबर तक न्यायिक हिरासत

नई दिल्‍ली. पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. तोशाखाना मामले में इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट से मिली राहत के बावजूद वो अब सिफर केस में घिरते दिख रहे हैं. जियो न्‍यूज की खबर के मुताबिक बुधवार को ऑफिशियल सीक्रेट एक्‍ट की विशेष अदालत ने इमरान खान की न्‍यायिक हिरासत की अवधि को 13 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान के जल्‍द सलाखों के पीछे से बाहर आने की उम्‍मीद कम ही है. वो अंदर रहते हुए मटन-चिकन का आनंद लेंगे. बीते दिनों सरकारी की तरफ से पाकिस्‍तान की सुपीम कोर्ट को बताया गया था कि इमरान खान को जेल में खाने के लिए भरपूर मटन और चिकन दिया जा रहा है.

न्यायाधीश अबुअल हसनत जुल्करनैन सिफर मामले की सुनवाई के लिए जेल पहुंचे. आंतरिक मंत्रालय द्वारा इमरान खान की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद कानून मंत्रालय ने जेल से ही न्‍यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दिया. यही वजह है कि जेल परिसर में ही इस मामले की सुनवाई हुई. कानूनी प्रक्रियाओं के बाद न्‍यायाधीश ने इमरान खान की न्‍यायिक हिरासत की अवधि को 14 दिन के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया.

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क्‍या है सिफर मामला?
सिफर एक डिप्‍लोमेटिक दस्‍तावेज है जो सरकारी कागजों से गायब है. आरोप है कि बीते साल पाकिस्‍तान के पीएम पद से हटाए जाने के बाद इमरान खान ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह दस्‍तावेज हवा में लहराए थे. यही वजह है कि उनपर ऑफिशियर सिक्रेट एक्‍ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जांच एजेंसियों इस संबंध में उनसे पूछताछ कर रही हैं.

इससे पहले तोशाखाना मामले में निचली अदालत ने इमरान खान को 5 अगस्त को दोषी ठहराया था. तीन साल जेल की सजा सुनाते हुए अदालत ने पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री को अगले पांच साल तक चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित कर दिया  था. हाई कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान को इस कड़ी सजा से राहत मिल गई है.

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