अनूप पासवान/कोरबा. धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाती है. धनतेरस पर मां लक्ष्मी, कुबेर देवता के साथ ही इस दिन को धन्वंतरि का जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि उन्हें आरोग्य और औषधि का देवता भी माना जाता है. धनतेरस पर इनकी आराधना से आरोग्य की प्राप्ति होती है.
इस वर्ष, धनतेरस 10 नवंबर 2023 को है. भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि और आरोग्य के आशीर्वाद के लिए हमने ज्योतिष आचार्य पंडित दशरथ नंदन द्विवेदी से बातचीत की. आप भी पढ़ें बातचीत का कुछ अंश…
यह भी पढ़ें : इस पौधे की पत्तियों को दूध में डालकर करें सेवन, पूरी उम्र रहेंगे जवान, घर पर ही लगा सकते हैं पौधा
12:30 बजे से शुरू होगा अभिजीत मुहूर्त
ज्योतिष आचार्य ने बताया कि इस वर्ष कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 10 नवंबर के दिन 11:30 बजे से शुरू होगी. भगवान धन्वंतरि की पूजा अभिजीत काल में करना बहुत फलदाई होगा. पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त 12:30 बजे दोपहर से शुरू होगा. इस दिन विधि पूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में रोगों का नाश होता है और व्यक्ति आरोग्यता को प्राप्त करता है, खासकर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए धनतेरस विशेष महत्व रखता है.
गिलोय का करें सेवन और रहे निरोग
इस दिन ज्योतिष आचार्य ने बताया कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के बाद एक-एक चम्मच गिलोय रस का सेवन करना चाहिए. इस दिन गिलोय के रस के सेवन से शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है और भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से व्यक्ति आरोग्यता का आशीर्वाद पाता है.
.
Tags: Chhattisgarh news, Diwali, Health, Korba news, Life, Local18, Religion 18
FIRST PUBLISHED : November 6, 2023, 08:55 IST