अफ्रीका से आए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है। अफ्रीका से जीतो को भारत आए हुए लगभग डेढ़ साल का समय बीत चुका है, मगर अब तक आम जनता के लिए इस नेशनल पार्क के दरवाजे नहीं खोले गए हैं। प्रोजेक्ट चिता शुरू होने के कारण इस नेशनल पार्क को आम पर्यटकों के लिए बंद किया गया था।
हालांकि नए साल से पहले ही पर्यटकों के लिए कोनो नेशनल पार्क के दरवाजे खोल दिए गए हैं। टिकटोली गेट के खुलने के बाद कोनो नेशनल पार्क में पर्यटक घूम सकेंगे। पर्यटकों में साउथ अफ्रीका से आए सीटों को देखने का काफी उत्साह है। इन चीतों का करीब से दीदार हो सकेगा। पर्यटक चीतों के अलावा टिकटोली इलाके के वन्य जीव, झरने और नदी आदि का भी नजारा देख सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में जब से चीतों को शिफ्ट किया गया था उसके बाद से नेशनल पार्क का मुख्य गेट टिकटोली को पर्यटकों के लिए बंद किया गया था। सुरक्षा कारणों के लिहाज से यह फैसला लिया गया था। ऐसे में कूनो नेशनल पार्क की सैर करने आने वाले पर्यटकों को शिवपुरी से लगभग 170 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था जिसके बाद वह कूनो नेशनल पार्क में जा सकते थे। कूनो नेशनल पार्क में जाने के लिए पर्यटकों को शिवपुरी जिले की सीमा से सटे अहेगा गेट या अघरा इलाके के पीपलवाबड़ी गेट से होकर कूनो नेशनल पार्क जाना पड़ता था।
वहीं अब टिकटोली गेट से एंट्री शुरू होने पर पर्यटकों को 80 किलोमीटर का ही सफर तय करना होगा। इस गेट से एंट्री लेने पर पर्यटक चीतों के लिए बनाए गए बाड़ों और क्वारंटाइन बाड़ों को पास से देख सकेंगे। चीतों को देखने के लिए पर्यटकों को डेढ़ साल का लंबा इंतजार करना पड़ा है।
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 व्यस्क चीते है और एक शावक चीता है। इनमें से सात चीते नर और सात माता चीता है। हालांकि खुले जंगल में अब तक सिर्फ दो चीतों को निकाला गया है। बाकी सभी चीतों को बाड़े में ही रखा गया है।