अब हाथीपांव मरीजों को मिलेगी दिव्यांग की सुविधा, बस करना होगा ऐसे रजिस्ट्रेशन

गौरव सिंह/भोजपुर. बिहार में पहली बार फाइलेरिया से ग्रस्त हाथी पांव मरीज भी अब दिव्यांग की श्रेणी में आएंगे. भोजपुर जिले के फाइलेरिया मरीजों को दिव्यांगता का पहली बार लाभ भी मिलने जा रहा है. निःशक्तता के राज्य आयुक्त कौशल किशोर ने फाइलेरिया मरीजों का दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने के लिए पत्र भी जारी कर दिया है. जल्द ही जिले में शिविर लगाकार इनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. जिले में फाइलेरिया लक्षण के अबतक 1892 मरीजों को चिन्हित किया गया है. फाइलेरिया के मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिलाने की योजना को लेकर एसीएमओ डॉ.केएन सिन्हा बैठक कर फ्लेरिया मरीजों को रजिस्ट्रेशन करवाने को लेकर कई अहम जानकारी दी.

विश्व में दिव्यांगता का दूसरा बड़ा कारण है फाइलेरिया
एसीएमओ डॉ.केएन सिन्हा ने कहा कि विश्व में दिव्यांगता का दूसरा बड़ा कारण फाइलेरिया है. फाइलेरिया के कारण हाथी पांव हो जाता है. जिला में ऐसे कई मरीज हैं, जो इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. इनका द्वियांगता प्रमाणपत्र बन जाने से ऐसे मरीजों को रेलवे यात्रा, आरक्षण, ट्राई साइकिल, चप्पल, वाकर, द्वियांगता पेंशन समेत कई प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकेगा.

बीमारी बढ़ने के साथ-साथ फाइलेरिया मरीजों में शारीरिक अपंगता बढ़ती जाती है, व्यक्ति कामकाज में पूरी तरह से अक्षम भी हो जाता है. मादा मच्छर क्यूलेक्स के काटने से फाइलेरिया होता है. फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार दवा का सेवन करना होता है.

यहां से करें आवेदन
दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने के पोर्टल swavlmbncord.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा. इसके लिए फोटो और आधार कार्ड आवयश्यक है. हाथीपांव के मरीजों को सात ग्रेड में शामिल किया गया है.

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पैर फूलना-पचकना, खुजली, फूलन, खुजली के साथ बुखार, घाव होने लगे. घाव से पानी निकलने लगे. मरीज जब चलने फिरने में असमर्थ हो जाये और बिस्तर पकड़ ले. इनमे से चार श्रेणी से ऊपर आने वाले को ही दिव्यांगता प्रमाणपत्र दिया जाएगा.

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