अन्त कुमार/गुमला. गुमला जिला आदिवासी बहुल एवं पिछड़े इलाकों में आता है. यहां गांव से लेकर पंचायत एवं प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक में निवास करने वाले और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के इलाज के लिए सदर अस्पताल एकमात्र लाइफ है, जो जिला मुख्यालय के जशपुर रोड में स्थित है. जहां रोजाना विभिन्न रोगियों के औसतन लगभग 500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. मरीजों को देखने उनके परिजन एवं दोस्त भी काफी संख्या में पहुंचते हैं.
इससे सदर अस्पताल में प्रवेश करने के साथ ही लोगों की भीड़, दवाएं इत्यादि के कारण अजीब तरह की दुर्गंध आने लगती है. पहली बार अस्पताल पहुंच रहे लोगों को तो महक बर्दाश्त नहीं होती है एवं उन्हें उल्टी आने लगती है. दुर्गंध की मार मरीज एवं उनके परिजनों के साथ नर्स, चिकित्सक कर्मियों को भी झेलनी पड़ती है, लेकिन अब इससे अस्पताल को निजात मिलने वाली है.
नहीं झेलनी पड़ेगी दुर्गंध की मार
जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन लगातार कई पहल कर रहे हैं. बताते चलें कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अनुपम किशोर के लगभग 6 माह के अथक प्रयास से राज्यसभा सांसद समीर उरांव के सौजन्य से आज एयर प्यूरीफायर मशीन का अधिष्ठापन किया गया. अस्पताल के सभी वार्ड एवं कमरों में लगभग 1 करोड़ 25 लाख रुपए के लागत से कुल 213 एयर प्यूरीफायर मशीनें लगाई गई हैं. जिससे अस्पताल का वातावरण स्वच्छ रहेगा. प्यूरीफायर मशीन दुर्गंध फैलने से रोकेगी एवं अस्पताल के भीतर की हवा को बाहर निकालेगी और वातावरण को स्वच्छ बनाएगी.
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनुपम किशोर ने बताया कि सदर अस्पताल में साफ सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है. इसके लिए अस्पताल को स्वच्छता के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है. रोजाना हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है एवं दवाओं, पॉयजन के मरीजों के कारण फैलने वाली दुर्गंध के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन राज्यसभा सांसद समीर उरांव के सौजन्य से एयर प्यूरीफायर मशीन लगाई जाएंगी, जिससे सभी लोगों को राहत मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 13:51 IST