अब बायो प्लांट से तैयार होगी ग्रीन हाइड्रोजन… NSI में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: कानपुर के नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट में अब बायोगैस प्लांट से सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जाएगी. इसके पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत यहां पर हो गई है. इस पायलट प्रोजेक्ट को नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक संचालित करेंगे. इसमें शुगर मिलों के फिल्टर केक से सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन बनाई जाएगी. देश में लगातार ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी प्रयास कर रही हैं. इसी क्रम में शुगर मिल द्वारा भी शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को देखते हुए यह ग्रीन हाइड्रोजन तैयार किया जा रहा है. यह फ्यूल का स्थाई विकल्प भी माना जा रहा है.

देशभर में जितनी चीनी मिले हैं वहां से काफी बाय प्रोडक्ट निकलते हैं ऐसे में ग्रीन हाइड्रोजन भी मिलो में तैयार की जा सकती है. जिसको लेकर अब तैयारी अंतिम चरण में है. इसी क्रम में नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट में पहला बायो संयंत्र स्थापित किया गया है. यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाया गया है. यहां पर अगर सफलता मिलती है तो देशभर में मौजूद चीनी मिलों में भी यह प्लांट लगाया जाएगा और वहां पर भी ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जा सकेंगे.

ऐसे करेगा काम
इस बायो प्लांट में शुगर मिलों के फिल्टर केक से ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जाएगी. फिल्टर केक से कंप्रेस्ड बायो गैस बनाई जाएगी. जिसमें 92 से 94% मीथेन है. इस मीथेन को विशेष तकनीक से ग्रीन हाइड्रोजन और कार्बन में बदला जा रहा है. यह प्लांट अभी नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट में लगाया गया है. यहीं पर संचालित किया जाएगा. इसके बाद इसको बड़े पैमाने पर चीनी मिलों पर भी लगाने की तैयारी की जा रही है.

बनेगी सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन
नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि देश में ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन का एक प्रमुख विकल्प माना जा रहा है. शुगर मिल में कई बाय प्रोडक्ट तैयार किया जा रहे हैं. ऐसे में ग्रीन हाइड्रोजन को भी आसानी से तैयार किया जा सकता है. यह सस्ते भी पड़ेगा और बेहद प्रभावित भी है.

Tags: Hydrogen, Local18, Sugar

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