अब फ्लैट अलॉटमेंट स्कैंडल में फंसीं मुइज्जु की पत्नी: गरीबों के मकान चहेतों को देने का आरोप; प्रेसिडेंट बोले- वाइफ साजिदा बेकसूर

माले25 मिनट पहले

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पेश से साइंटिस्ट साजिदा पर सरकार से सलाह देने के लिए घंटों के हिसाब से पेशा लेने के भी आरोप हैं। (फाइल) - Dainik Bhaskar

पेश से साइंटिस्ट साजिदा पर सरकार से सलाह देने के लिए घंटों के हिसाब से पेशा लेने के भी आरोप हैं। (फाइल)

भारत से रिश्ते खराब करने के आरोप का सामना कर रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु की पत्नी साजिदा पर गरीबों के लिए तैयार मकान चहेतों को अलॉट करने का आरोप लगा है। हालांकि, प्रेसिडेंट मुइज्जु ने साजिदा को बेकसूर बताया है। दो महीने पहले साजिदा पर प्रोजेक्ट वर्क के लिए सरकार से मोटी सैलरी लेने के आरोप लगे थे।

मुइज्जु ने मंगलवार को एक द्वीप का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने माना कि मालदीव इस वक्त कर्ज में दबा हुआ है और वो अपने चुनावी वादे फिलहाल पूरे नहीं कर सकते। मदद के लिए IMF और वर्ल्ड बैंक से बातचीत चल रही है।

साजिदा इसलिए भी विवादों में रही हैं कि मुइज्जु के प्रेसिडेंट बनने के बाद भी उन्होंने मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (MFDA) की सीनियर साइंस ऑफिसर की पोस्ट से रिजाइन नहीं किया।

साजिदा इसलिए भी विवादों में रही हैं कि मुइज्जु के प्रेसिडेंट बनने के बाद भी उन्होंने मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (MFDA) की सीनियर साइंस ऑफिसर की पोस्ट से रिजाइन नहीं किया।

फर्स्ट लेडी पर आरोप और प्रेसिडेंट की सफाई

  • साजिदा क्लाइमेट साइंटिस्ट हैं और नवंबर 2023 में जब मुइज्जु प्रेसिडेंट बने, तभी से साजिदा पर सरकारी काम में दखलंदाजी और फायदा उठाने के आरोप लगने लगे।
  • ताजा विवाद मालदीव में गरीबों के लिए बनाए गए 4 हजार फ्लैट्स से जुड़ा है। मालदीव की न्यूज वेबसाइट ‘अधाधू’ के मुताबिक- देश के कई द्वीपों पर यह फ्लैट्स बनाए गए थे। इनका कंस्ट्रक्शन पिछली सरकार ने कराया था, लेकिन वो अलॉटमेंट कराती इसके पहले ही मुइज्जु प्रेसिडेंट बन गए।
  • आरोप है कि मुइज्जु की पत्नी साजिदा ने इन फ्लैट्स के आवंटन यानी अलॉटमेंट में तगड़ी दखलंदाजी की। उन्होंने अलॉटमेंट करने वाले अफसरों को एक लिस्ट सौंपी। आरोप है कि इस लिस्ट में उन लोगों के नाम थे, जिन्हें साजिदा फ्लैट्स दिलाना चाहती थीं।
  • मुइज्जु ने लोगों के सवालों के जवाब देने के लिए एक प्रोग्राम (रीसेज जवाबू या प्रेसिडेंट्स आन्सर) शुरू किया है। इस दौरान एक शख्स ने आरोप लगाया कि साजिदा ने फ्लैट अलॉटमेंट में दखलंदाजी की है। इस पर प्रेसिडेंट ने कहा- ये आरोप गलत हैं और साजिदा बेकसूर हैं। इस तरह के आरोप सिर्फ इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि कोई नया विवादा खड़ा किया जा सके।
साजिदा और मुइज्जू हाल ही में चीन दौरे पर गए थे। यह तस्वीर उसी दौरान की है।

साजिदा और मुइज्जू हाल ही में चीन दौरे पर गए थे। यह तस्वीर उसी दौरान की है।

फ्लैट अलॉटमेंट में धांधली नहीं

  • मुइज्जु ने अपनी सफाई में आगे कहा- मैं साफ कर देना चाहता हूं कि फ्लैट अलॉटमेंट के दौरान मैंने, पत्नी साजिदा ने या मेरे किसी दोस्त ने कोई दखल नहीं दिया है। मैं ये भी कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार में किसी नागरिक का कोई भी हक नहीं छीना जाएगा और न ही कोई सरकार के काम में दखलंदाजी कर पाएगा।
  • प्रेसिडेंट ने आगे कहा- मामला चाहे फ्लैट अलॉटमेंट का हो या फिर कोई और। मैं किसी को यह इजाजत नहीं दूंगा कि वो किसी गरीब का हक छीने। इसलिए यह साफ है कि फ्लैट अलॉटमेंट में साजिदा का कोई रोल नहीं है। अगर कोई दूसरा भी इस तरह की हरकत करता पाया जाता है तो उसकी जानकारी मेरे पास जरूर आएगी। हर किसी को बराबरी से उसका हक मिलेगा और गवर्नमेंट का काम पूरी तरह ट्रांसपेरेंट यानी पारदर्शी होगा।
  • यह मामला इसलिए भी चर्चा में आया, क्योंकि सोमवार को ही मालदीव के एंटी करप्शन कमीशन ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि फ्लैट के लिए अप्लाई करने वाले लोग 60% एलीजबल नहीं हैं। मतलब सरकार ने अलॉटमेंट के लिए जो रूल्स या नियम तय किए हैं, अप्लाई करने वाले 60% लोग इन नियमों की कसौटी पर खरे नहीं उतरते।
मुइज्जु ने मंगलवार को एक द्वीप का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने माना कि मालदीव इस वक्त कर्ज में दबा हुआ है और वो अपने चुनावी वादे फिलहाल पूरे नहीं कर सकते। (फाइल)

मुइज्जु ने मंगलवार को एक द्वीप का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने माना कि मालदीव इस वक्त कर्ज में दबा हुआ है और वो अपने चुनावी वादे फिलहाल पूरे नहीं कर सकते। (फाइल)

पहले भी विवादों में रहीं साजिदा

  • मुइज्जु के प्रेसिडेंट बनने के ठीक एक महीने बाद यानी दिसंबर 2023 में साजिदा पर गंभीर आरोप लगे थे। पेशे से साइंटिस्ट साजिदा के बारे में कहा गया था कि उन्हें देश के सिविल सर्विस कमीशन (CSC) को टेक्निकल कन्सलटेंसी देने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है। इतना ही नहीं यह भी कहा गया कि साजिदा को यह पैसा दिन, सप्ताह या महीने के लिए नहीं, बल्कि घंटे के हिसाब से दिए जाते हैं।
  • इस बारे में पार्लियामेंट की एक कमेटी ने सवाल भी उठाए थे। इसके अलावा साजिदा इसलिए भी विवादों में रही हैं कि मुइज्जु के प्रेसिडेंट बनने के बाद भी उन्होंने मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (MFDA) की सीनियर साइंस ऑफिसर की पोस्ट से रिजाइन नहीं किया। सरकार की तरफ से बचाव में यह तर्क दिया गया कि संविधान के हिसाब से वो पद पर बने रह सकती हैं। हालांकि, विपक्ष सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं था।

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