अब जेल में भी लगेगा कैदियों का मन! अधिकारियों ने की ये व्यवस्था, देखें VIDEO

अनुज गौतम/सागर. जेल की चार दिवारी के अंदर रहने से कैदी डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन तनाव में आ जाते हैं. ऐसे में बंदियों के शारीरिक और बौद्धिक उन्नति के लिए अनूठी पहल की जा रही है. पहली बार सागर केंद्रीय जेल के अंदर आनंद उत्सव कार्यक्रम किया जा रहा है, जिसमें नाच गाना खेलकूद और अन्य मस्ती करने की गतिविधियां शामिल हैं. स्पोर्ट गतिविधियों में क्रिकेट, बास्केटबॉल, कैरम, कबड्डी जैसी गेम्स शामिल हैं तो वहीं कल्चरल एक्टिविटी में नृत्य, गायन, भजन वादन में भी कैदियों ने भाग लिया. तीन दिन तक जेल के अंदर होने वाले आनंद उत्सव में 700 कैदी हिस्सा ले रहे हैं.

तीन दिन के आनंद महोत्सव के बाद कैदियों को इन गतिविधियों से जोड़े रखने के लिए भी काम किया जाएगा. इसमें जेल प्रबंधन एक म्यूजिक टीचर हायर कर रहा है, जो कैदियों के लिए हारमोनियम- तबला बजाना सिखाएगा. इसके साथ ही जो नृत्य करने के शौकीन हैं या नृत्य सीखना चाहते हैं उनके लिए भी मौका मिलेगा. साथ ही गाना गाने के लिए भी मार्गदर्शन दिया जाएगा. इसके अलावा जेल के अंदर सभी कैदियों को इस समय सोने से पहले गायत्री मंत्र का 10 मिनट तक उच्चारण कराया जा रहा है, तो जो पढ़े लिखे हैं वह गायत्री मंत्र लेखन का कार्य भी कर रहे हैं.

जेल के अंदर तनाव मुक्त जीवन
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल एक ऐसी जगह होती है, जिसे स्ट्रेस फुल माना जाता है. जो भी इसके अंदर आता है, तो उसे घर की चिंता, परिवार की चिंता, कामकाज की चिंता, मामले में क्या हो रहा है, सुनवाई जमानत जैसी चिंताएं होती हैं. ऐसे में योग और ध्यान कराने वाली शिद्दत फाउंडेशन और केंद्रीय जेल के संयुक्त तत्वाधान में कैदियों का आनंद उत्सव किया गया है. जिससे उन्हें तनाव मुक्त वातावरण मिल सके.

नई ऊर्जा उत्साह के साथ सकारात्मकता आए
जेल के अंदर कैदियों और स्टाफ को फ्री में योग ध्यान करने वाली शिद्दत फाउंडेशन की डॉक्टर श्वेता नेमा ने बताया कि जेल की चार दिवारी के अंदर आने से कैदी एक तरह से समाज से कट जाते हैं. इसके चलते उन्हें विभिन्न प्रकार की चिंताएं लग जाती हैं और कहा भी गया है कि चिंता चिता के समान होती है. इसलिए इस तरह की गतिविधियों से उन्हें इन सब से मुक्त करने की कोशिश की जा रही है इनकी सोच सकारात्मक हो इसके लिए रोजगार से जोड़ने के भी प्रयास हो रहे हैं. जब यह सजा के बाद बाहर जाएंगे, तो सकारात्मक सोच के साथ फिर से नई ऊर्जा नई दिशा के साथ रह सकेंगे और काम कर सकेंगे, इसलिए यह आनंद महोत्सव हो रहा है.

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