पंकज सिंगटा/शिमलाः हिमाचल प्रदेश के स्थानीय उत्पाद प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी पहचान बना चुके हैं. आज देश में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जो हिमाचली उत्पादों से अछूता रहा हो. हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा हिमाचली उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मेलों का आयोजन किया जाता है. इसी कड़ी में आगामी 1 से 12 फरवरी तक चंडीगढ़ के सेक्टर-34 मे सरस मेले का आयोजन होने जा रहा है.
मेले का लक्ष्य हिमाचली उत्पादों को मंच प्रदान करना है और हिमाचल के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त बनाना है. आजीविका मिशन के अंतर्गत लगभग 44 हजार स्वयं सहायता समूहों को मंच प्रदान किया जा रहा है. इन समूहों में 3 लाख 50 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाएं हैं. इनकी प्रतिभा और हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करना मेले का मूल उद्देश्य है. मिशन का लक्ष्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें अपने कौशल प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान करना है.
कौन से उत्पाद किए जाएंगे शामिल
चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले 12 दिवसीय सरस मेले में करीब 100 स्टॉल लगाए जाएंगे. इन स्टॉल्स में विभिन्न हस्त निर्मित उत्पाद जैसे चम्बा रूमाल, मंडी कलम, कांगड़ा पेटिंग, लकड़ी के नक्काशीदार मंदिर प्रदर्षित किए जाएंगे. इसके अलावा पारंपरिक हथकरघा जैसे कुल्लु, किन्नौरी पट्टी शाल, स्वेटर, लाहौली पुला आदि भी प्रेषित किए जाएंगे. इसके अलावा खाद्य संबंधी उत्पादों में 12 जिलों के पारंपरिक व्यंजन जैसे पहाड़ी धाम, सिड्डु, लुशके, पटांडे, मोटे अनाज की मिठाई और अन्य स्थानिय व्यंजनों को परोसा जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 18:34 IST