अब गांव-गांव में पशुधन के इलाज के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट को प्रारम्भ किया गया है।

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संचालित गौठान विकास कार्यक्रम और गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद अब पशुधन के घर पहुंच इलाज की सुविधा के लिए ‘मुख्यमंत्री गौवंश मोबाइल चिकित्सा योजना’ के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। राज्य के ग्रामीण अंचल एवं शहरी इलाकों के श्रमिक बस्तियों के लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संचालित मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की तर्ज पर ही अब गांव-गांव में पशुधन के इलाज के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट को प्रारम्भ किया गया है, जिसके जरिए पशुधन चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ टीकाकरण एवं कृत्रिम गर्भधान की सुविधाएं मिलने लगी हैं।

20 अगस्त को की गई शुरूआत

राज्य में मुख्यमंत्री गोवंश मोबाइल चिकित्सा यूनिट की शुरूआत 20 अगस्त को की गई। सीएम बघेल ने महासमुन्द में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना के तहत 50 वेटनरी मोबाइल यूनिट को हरी झण्डी दिखाकर लोकार्पित किया। जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और सिहावा विकासखंड में मोबाइल वेटनरी यूनिट का लाभ पशुपालकों को मिलने लगा है। धमतरी विकासखंड के ग्राम अछोटा में बीते दिन गौठान में लगे शिविर में पहुंचे नवागांव कंडेल निवासी पशुपालक रामेश्वर साहू ने बताया कि उसके पास 7 दुधारू गायें हैं। कुछ दिन से एक अच्छी नस्ल की गाय को डायरिया हो गया था।

जारी किया गया है टोल फ्री नंबर

बातचीत के समय उनके बेटे ने बताया कि शासन द्वारा हाल ही में पशुधन के इलाज के लिए एक नई योजना शुरू की गई है, इसका टोल फ्री नंबर 1962 है। रामेश्वर ने इस नम्बर पर कॉल कर अपने बीमार पशु के बारे में जानकारी दी। जिसके लक्षण को समझ कर चिकित्सकों ने उचित परामर्श दिया। रामेश्वर ने कहा की राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने राज्य के सभी वर्ग के लोगों की भलाई के लिए तो योजनाएं संचालित की हैं, अब मूक पशुओं का भी वह ध्यान रख रहे हैं। यह संवेदनशीलता का परिचायक है। सीएम बघेल को ऐसी योजना प्रारंभ करने के लिए उन्होंने हृदय से धन्यवाद दिया।

बता दें कि पशुओं के बीमार होने पर टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर मोबाइल वेटनरी यूनिट के माध्यम से अपने बीमार पशुओं का निःशुल्क इलाज करवा सकते हैं। मोबाइल वेटनरी यूनिट में पशुओं के चिकित्सक के साथ सहयोगी अमला भी मौजूद रहता है। हर विकासखंड के लिए एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई आवंटित की गई है, जिसका संचालन रोस्टर के आधार पर विकासखंड के हर गांव और गोठान के लिए किया गया है। मोबाइल यूनिट सुबह आठ बजे से लेकर शाम चार बजे तक संचालित रहती है। मोबाइल वेटनरी यूनिट वाहन के माध्यम से पशुओं के उपचार, दवा और वैक्सीन कृत्रिम गर्भाधान की भी व्यवस्था उपलब्ध है।

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जीपीएस से है लैस

मोबाइल वेटनरी यूनिट के संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है। जिसका टोल फ्री नंबर 1962 है। इस पर कॉल करके पशुपालक अपना पता और लोकेशन बता कर बीमार पशुओं के इलाज के लिए इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इस कॉल सेंटर से पशुपालकों को पशुधन विकास और पशु स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों की जानकारी भी दी जाती है। मोबाइल वेटनरी यूनिट मे जीपीएस भी लगाया गया है, जिससे राज्य स्तर पर मोबाइल यूनिट का ऑनलाइन रियल टाइम लोकेशन भी प्राप्त किया जा सकता है।

नोडल अधिकारी नामांकित

विकासखंड एवं जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नामांकित किए गए हैं। जिले के रोस्टर के अनुसार जिले में लगने वाले हाट-बाजार को ध्यान मे रख कर मोबाइल वेटनरी यूनिट का रूट चार्ट भी तैयार किया गया है।

टी.वी. स्क्रीन के माध्यम से दी जाती है योजनाओं की जानकारी

इस मोबाइल वेटनरी वेन के गांव में आने के एक दिन पहले मुनादी कराई जाती है। ग्रामीण जब एकत्रित हो जाते है, तब वाहन में लगे टीवी के द्वारा सरल भाषा में योजनाओं की जानकारी दी जाती है। साथ ही वाहन में उपलब्ध प्रयोगशाला से बीमार पशुओं के रक्त एवं गोबर नमूने जांच कर तत्काल इलाज की व्यवस्था भी इस वाहन में है।

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