अब कमलनाथ को ऐसे घेरेगी बीजेपी, उनके ही गढ़ में चलेगी ये बड़ी चाल, जानें प्लान

भोपाल. भले ही कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ को पार्टी में शामिल कराए जाने को लेकर चलाया गया ऑपरेशन लोटस असफल साबित हुआ हो, लेकिन उसके बाद बीजेपी अब उन्हें उनके ही गढ़ में घेरने जा रही है. इसी कड़ी में 22 फरवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करोड़ों रुपये के विकास की सौगात देने के लिए छिंदवाड़ा पहुंचे. अब पार्टी का प्लान है कि धीरे-धीरे कई दिग्गज नेता लगातार छिंदवाड़ा का दौरा करेंगे. वे वहां की जनता को पार्टी के विचारों, देश के विकास में बीजेपी का योगदान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को समझाने की कोशिश करेंगे. ये नेता धीरे-धीरे जनता के मन को बदलने की कोशिश करेंगे.

बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि राजनाथ को उनके ही घर में घेरने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सहित तमाम प्रदेश के दिग्गज नेता छिंदवाड़ा का दौरा करेंगे. इस बारे में भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि इस बार कमलनाथ के गढ़ में भी कमल खिलेगा. उन्हें अपने ही घर में हार का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह वह लोग हैं जो अपने फायदे के लिए प्रभु श्री राम का झंडा लगते हैं और बाद में उतार लेते हैं. जनता इनकी नियत को समझ चुकी है. जो कभी अपने नेताओं को चलो-चलो कहते थे अब जनता ही उनको चलो-चलो कहने लगी है. उनके करीबी लोग उनका साथ छोड़ रहे हैं. ऐसे में छिंदवाड़ा में बीजेपी की जीत सुनिश्चित है.

किसी हाल में छिंदवाड़ा नहीं जीत सकती बीजेपी-कांग्रेस
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि छिंदवाड़ा हमेशा कमलनाथ का गढ़ रहा है और आगे भी यह गढ़ ही रहेगा. बीजेपी कितने भी प्रयास कर ले इसके किले को भेदने में कामयाब नहीं रहेगी, क्योंकि छिंदवाड़ा और कमलनाथ एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं. छिंदवाड़ा मॉडल पूरे देश भर में अपने आप में एक मिसाल है. बीजेपी किसी भी दिग्गज को मैदान में उतार ले उसे वहां पर जीत नहीं मिलेगी. चूंकि एमपी में बीजेपी ने मिशन 29 का लक्ष्य रखा है. इसे पाने के लिए सत्ता से लेकर संगठन से जुड़े नेता एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुटे हुए हैं. पिछले एक सप्ताह तक जो राजनीतिक घटनाक्रम चला उस राजनीतिक पंडित भी यह मानने लगे थे कि कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ बीजेपी में शामिल होंगे. वे ये मानने लगे थे कि बीजेपी का मिशन 29 सफल होगा, लेकिन यह सब संभव नहीं हो सका. यही कारण है कि बीजेपी ने अब कमलनाथ को उनके ही गढ़ में घेरने की तैयारी शुरू कर दी है.

बीजेपी की आंधी में केवल कमलनाथ बचा सके थे गढ़
बता दें, देश में पिछले दो चुनाव से बीजेपी की आंधी चल रही है. मध्य प्रदेश सहित देश के कई मजबूत किले इस आंधी में बह गए. यहां तक कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से चुनाव हारे, तो वहीं राहुल गांधी को भी अमेठी से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन, इस प्रचंड लहर में भी यदि कोई गढ़ बचाने में कामयाब रहा तो वह कमलनाथ थे. 2019 के चुनाव में उनके बेटे नकुल नाथ यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे. इतना ही नहीं, उसके बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने सभी सात विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. उसके पहले वहां हुए नगरीय निकाय और जिला पंचायत के चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशियों ने विजय अभियान जारी रखा.

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