सत्यम कुमार/भागलपुर : भागलपुर के सिल्क का कारोबार देश के साथ-साथ विदेशों में भी फैला हुआ है. अब धीरे-धीरे यहां के कपड़े का कारोबार ऑनलाइन हो रहा है. इससे बुनकरों में काफी खुशी दिख रही है. इसको लेकर जब चंपानगर के बुनकर हेमंत कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब युवा सिल्क के व्यापार की तरफ रुख कर रहे हैं. इससे ऑनलाइन व्यापार बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि माह में करीब 5 करोड़ के ऊपर का कारोबार होता है. बुनकर ने बताया कि भागलपुर में अब सिर्फ सिल्क ही नहीं बल्कि कई तरह के कपड़े बनाये जाते हैं.
भागलपुर में तैयार होती है इतनी वैरायटी
यहां कॉटन भी अब तैयार किया जा रहा है. जिससे सिल्क के साथ साथ अब कॉटन की भी डिमांड हो रही है. सबसे अधिक सिल्क की साड़ी, डल की चादर, सिल्क के कुर्ते का डिमांड अधिक होता है. यहां हैंडलूम से अधिक पावरलूम पर कपड़े तैयार होते हैं. हैंडलूम में घिच्चा, कटिया, खेबा, मूंगा, अंडडी, ऐरी, तसर सिल्क तैयार किए जाते हैं. वहीं पावर लूम पर तसर, मलवरी, मूंगा सहित कई तरह के कपड़े तैयार किये जाते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि मसराइज के साथ विस्कॉज का भी कपड़ा बनता है. चादर, लूंगी, धोती, साड़ी, शूट, दुप्पटा सहित लीलन पैंट भी तैयार किया जाता है.
अब कपड़ों पर मंजूषा और मधुबनी पेंटिंग
भागलपुर के सिल्क की पहचान ही अलग होती है. इसके साथ ही यहां की सिल्क में चमक होती है. चंपानगर के किसी बुनकर से सम्पर्क करने पर सभी तरह के कपड़े मिल सकते हैं. सबसे खास की अभी तरह-तरह के डिजाइन की कपड़े तैयार की जा रही है. इस कपड़े को और खूबसूरत बनाने के लिए इस पर तरह-तरह के रंग रोगन किया जा रहा है. मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग सहित कई तरह की कलाकृतियां उकेरी जा रही है. जिससे यहां की कपड़े की खूबसूरती और भी निखरती है.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2023, 23:44 IST