Shankh Upay: श्रीकृष्ण के पाञ्चजन्य शंख की महिमा तो आप सबने सुनी होगी. जैसे श्रीकृष्ण को पाञ्चजन्य शंख प्रिय है, वैसे ही उनको मार्गशीर्ष मास भी अति प्रिय है. मार्गशीर्ष मास को ही अगहन मास कहा जाता है. 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही कार्तिक मास का समापन हो जाएगा. वहीं 28 नवंबर से मार्गशीर्ष मास की शुरुआत हो जाएगी. इस माह में शंख बजाने से आर्थिक और शारीरिक दोनों तरह से उन्नति होती है.
मान्यता है कि अगहन मास में प्रतिदिन सुबह पूजा के बाद अपने लड्डू गोपाल से प्रार्थना करते हुए शंख बजाना चाहिए. ऐसा करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होंगे और आपकी प्रार्थना सुनेंगे. यदि आप सुबह-शाम दोनों समय शंख बजाएं तो घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. घर में सकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने से मां लक्ष्मी, रिद्धि-सिद्धि का वास होता है. ऐसे में घर में धन की कमी दूर होती है. वहीं यदि आप शंख बजाना नियमित रखें तो ऐसा लाभ आपको मिलता रहेगा.
शंख बजाने के कुछ शारीरिक फायदे
– शंख बजाने से गुदाशय की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. मूत्रमार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए यह बेहतर साबित होता है.
– शंख बजाने से श्वास लेने की क्षमता में सुधार होता है. इससे हमारी थायराइड ग्रंथियों और स्वरयंत्र का व्यायाम होता है.
– जब हम शंख बजाते हैं तो हमारे चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है, जिससे झुर्रियां घटती हैं.
– शंख में 100 प्रतिशत कैल्शियम होता है. रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें. इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे.
– शंख बजाने से तनाव दूर हो जाता है, क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते हैं.
– शंख बजाने से दिल के दौरे से भी बच सकते हैं. नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं आता. ब्लॉकेज खुल जाते हैं.
– नासा के अनुसार: शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है.
– शंख बजाने से सांस संबधी समस्याएं दूर होती हैं. गले और फेफड़ों में रोग नहीं होते। स्मरण शक्ति भी बढ़ती है.
– वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं.
– शंख में कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस पाए जाते हैं. यह हड्डियों को मजबूत करने के लिए जरूरी होते हैं. शंख में रखें पानी का सेवन करें.
शंख बजाने के नियम
– घर में एक नहीं, 2 शंख रखें. बजाने वाले की शंख की पूजा न करें और पूजा करने वाले शंख को न बजाएं.
– पूजा वाले शंख से ही भगवान का अभिषेक करें. बजाने वाला शंख जूठा माना जाता है. उसे अलग रखें.
– भगवान के पास एक ही शंख रखें, जिसकी पूजा करनी हो.
– दूसरा शंख पूजा घर या मंदिर के आसपास सफेद रंग के कपड़े में लपेट कर रखें.
– शंख को बजाने से पहले उसे धो लें, अगर गंगाजल से धुलें तो अत्यंत श्रेष्ठ है.
– पूजा वाले शंख में जल भर कर ही रखें. नियमित रूप से पूजा के बाद घर में इस जल का छिड़काव करें.
– शंख सुबह और शाम के समय ही बजाना चाहिए. इसके अलावा किसी अन्य समय नहीं बजाना चाहिए.
– बजाने वाले शंख में भी जल भर कर रखें. उसका आप सेवन कर सकते हैं, शारीरिक विकार दूर होंगे.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : November 27, 2023, 11:03 IST