हाइलाइट्स
डिजिटल पुलिसिंग की ओर बढ़ रही बिहार पुलिस, गोपालगंज में डिजिटल एप लांच
एसपी ने ‘गोपालगंज पुलिस’ एप में बढ़ाया फीचर, जिलावासियों को मिलेगी सहूलियत
‘गोपालगंज पुलिस’ एप से कराएं किरायेदारों का वेरिफिकेश, ऑनलाइन बनेगा पीसीसी
रिपोर्ट- गोविंद कुमार
गोपालगंज. अब तक आपको मोबाइल, दूसरे दस्तावेज और कई जरुरी कागजातों के गुम होने की स्थिति में शिकायत दर्ज करवाने के लिए थाने का चक्कर लगाना पड़ता था, कई बार तो इसके लिए भी आपको ऑफिस से छुट्टी भी लेनी पड़ती थी. लेकिन, गोपालगंज एसपी स्वर्ण प्रभात ने अब इस पूरी प्रक्रिया का आसान बना दिया है. अब आप सभी को अनावश्यक रुप से थाने का चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी और महज एक क्लीक पर अपनी शिकायत को नजदीकी थाने में दर्ज करवा पायेंगे. एसपी की इस पहल से गोपालगंज के 35 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा. पहला जिला गोपालगंज के रूप में चयन हुआ है, जिसमें स्मार्ट पुलिसिंग से डिजिटल पुलिसिंग की ओर बढ़ रहा है.
बुधवार को पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने ”गोपालगंज पुलिस” एप में फीचर बढ़ाते हुए नयी सुविधाओं की जानकारी दी है. एसपी ने बताया कि बिहार पुलिस की कोशिश इस पूरी प्रक्रिया को बेहद आसान बनाने की है, और इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सनहा दर्ज करवाने की सुविधा प्रदान की गयी है. जिसके बाद आप चुटकियों में अपना मोबाइल, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, और दूसरे सभी दस्तवाजे गुम होने की शिकायत को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्ज करवा सकेंगे. साथ ही मकान या दुूकानों में रहनेवाले किरायेदार, या कर्मी के बारे में भी ऑनलाइन वेरिफिकेशन करा सकते हैं. आपके यहां काम करनेवाला या किरायेदार के रूप में रहनेवाला व्यक्ति का अपराधिक इतिहास क्या है, इसके बारे में एप पर सूचना देकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
एक क्लिक पर तत्काल मिलेगी मदद
‘गोपालगंज पुलिस’ की मोबाइल एप पर एक क्लिक में आम जनता को मदद पहुंचेगी. एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि ”मोबाइल एप” के माध्यम से लोगों को छोटे-मोटे कार्यों के लिए काफी सहूलियत मिलेगी. एक क्लिक पर गोपालगंज पुलिस आपके पास होगी. प्ले स्टोर से डाउनलोड करें ‘GOPALGANJ_POLICE’. इसमें 15 प्रकार मदद के लिए ऑप्शन दिये गए हैं. इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम भी इस एप पर मौजूद है.
एप के जरिए पासपोर्ट व पीसीसी बनेगा
‘गोपालगंज पुलिस’ मोबाइल एप के जरिए पुलिस वेरिफिकेशन की सुविधा भी दी गयी है, ताकि लोगों को थानों के चक्कर काटने की जरूरत ना पड़े. यदि किसी व्यक्ति को पीसीसी (पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट) के लिए आवेदन करना है तो वो वह इस ऐप के जरिए आवेदन कर थाने से वेरिफिकेशन करा सकता है. वहीं, पासपोर्ट वेरिफिकेशन के बारे में भी पल-पल की जानकारी मिलेगी. आवेदक को एसएमएस के जरिये भी सूचना मिलती रहेगी.
क्या है सनहा और एफआइआर में अंतर
एसपी ने बताया कि सनहा और एफआइआर दोनों अलग और बुनियादी अंदर है. एफआइआर संज्ञेय अपराध के मामलों में दर्ज करायी जाती है. जबकि सनहा (एनसीआर) असंज्ञेय अपराध के मामले में दर्ज होता है. एफआइआर पुलिस द्वारा तैयार किया हुआ दस्तावेज होता है, जिसमें अपराध की पूरी विवरणी दर्ज होती है. जबकि असंज्ञेय अपराध अर्थात मामूली अपराध जैसे मोबाइल या पर्स का गुम हो जाना. ऐसे मामलों में जब पीड़ित के द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाया जाता है, तो उसे सनहा (एनसीआर) कहा जाता है.
संदिग्ध गतिविधियों के बारे में दें जानकारी
अगर किसी संदिग्ध गतिविधि या फिर किसी तरीके की गोपनीय जानकारी पुलिस को मुहैया करानी है तो उसमें भी ये एप मददगार है. एसपी ने कहा कि यह जानकारी गोपनीय रखी जाती है. इसमें जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम सामने नहीं आता है. यह एप काफी मददगार है. वहीं सूचना देनेवालों को रिवार्ड भी मिलेगा.
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Tags: Bihar News, Gopalganj news, Mobile theft
FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 18:59 IST