अनुज गौतम/सागर: दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. इसे रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि अगर इस दिन महिलाएं अच्छे से श्रृंगार करती हैं तो उन्हें साल भर सुंदरता की प्राप्ति होती है. वे अप्सराओं के जैसा रूप पा सकती हैं और निखार आता जाता है.
महिलाएं ऐसे करें उपाय
ज्योतिष आचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री बताते हैं कि पौराणिक ग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि इस दिन तेल लगाने के बाद उबटन करना चाहिए. आटा हल्दी मिलाकर उबटन किया जाता है. इसके लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें, उबटन करें फिर स्नान ध्यान करें जो महिलाएं सुंदरता को प्राप्त करना चाहती हैं खास तौर पर उन्हें इस दिन विशेष ध्यान रखना चाहिए और जितनी अधिक साज सज्जा श्रृंगार कर सकती हैं करना चाहिए. फिर शाम को दीपक जलाकर भगवान का पूजन और ध्यान करें. इस बार रूप चतुर्दशी 11 नवंबर को है.
पौराणिक कथाओं में उल्लेख
पौराणिक कथाओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी का पर्व श्रीकृष्ण और नरकासुर से जोड़ कर देखा जाता है. द्वापर युग में प्रागज्योतिषपुर के असुर राजा नरकासुर ने अपनी शक्तियों से देवताओं और ऋषि-मुनियों के साथ 16 हजार एक सौ सुंदर कन्याओं को भी बंधक बना लिया था. नरकासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध किया और उसकी कैद से 16 हजार एक सौ कन्याओं को बचाया था. ये कन्याएं असुर की कैद में थी. समाज से बहिष्कृत होने के डर से उन कन्याओं ने कृष्ण को ही अपना सब कुछ मान लिया. श्रीकृष्ण ने भी इन कन्याओं से विवाह कर लिया. नरकासुर से मुक्ति पाने की खुशी में देवगण और समस्त लोग बहुत खुश हुए, ऐसे में इस दिन को नरकासुर पर श्रीकृष्ण की जीत के रूप में मनाया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 18:03 IST