अपनी गलतियों से ली सीख… पहले तीन साल हुआ नुकसान…फिर 12 लाख का मुनाफा

दीपक कुमार/बांका : पारंपरिक खेती छोड़कर अब लोग मछली पालन जैसे समेकित कृषि प्रणाली को अपना रहे हैं. इससे किसान सालाना अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. बांका जिला के रजौन प्रखंड अंतर्गत बरौली गांव निवासी शांत स्वरूप उर्फ बबलू 5 एकड़ में पांच तालाब सहित दो नर्सरी तालाब का निर्माण कर सालाना 12 लाख से अधिक की कमाई करते हैं. प्रियंका यह सफर आसान नहीं था. पहले 3 साल इनको काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. इसके बाद इन्होंने ट्रेनिंग लेकर फिर से नहीं शुरुआत की. आज यह अच्छी कमाई कर रहे हैं.

नुकसान से फायदे तक का किया सफर तय
किसान शांतस्वरूप उर्फ बबलू बताते हैं कि 2011 में एक एकड़ में एक तालाब से शुरुआत की थी. जिसमें 2700 सीलन मछली के बच्चे को डालकर शुरुआत किया था. इससे करीबन 16 क्विंटल मछली उत्पादन हुआ था. जिससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ा लगातार 3 साल तक काफी नुकसान हुआ. जिसके बाद बिहार सरकार के द्वारा प्रशिक्षण के लिए बंगाल के बैरकपुर भेजा गया. जहां मछली पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया.

इसके बाद मछली पालन की सही तरीका से पुनः मछली पालन शुरू किया. प्रशिक्षण में बताया गया था कि मछली को बड़ी तालाब से पहले नर्सरी तालाब में तैयार करना चाहिए. जिससे काफी फायदा होता है. इस प्रक्रिया को अपनाते हुए पांच अन्य तालाब की खुदाई कर सालाना करीबन 5500 सीलन की फिंगर साइज मछलियों को तैयार करते हैं. जिससे करीबन 45 क्विंटल से अधिक मछली का उत्पादन होता है जो करीब आने 11 से 12 लाख कीमत की होती है.

इस मछली का करते हैं उत्पादन
किसान बताते हैं कि मुख्य रूप से सीलन का उत्पादन करते हैं. जिससे दो क्रॉप मछली तैयारी कर निकाली जाती है. सीलन मछली की मांग बाजार में काफी ज्यादा है. यह तीन महीना के बाद ही तैयार हो जाता है, जो बाजार में 110 रुपए की रेट से बिक्री करते हैं. वहीं तैयार करने में करीबन ₹90 तक खर्च होती है. मछली लोकल बाजार में ही बिक्री की जाती है.

साल में होती है इतनी कमाई
साथ ही किसान बताते हैं कि मछली पालन में कभी-कभी मछलियों में बहुत ही गंभीर बीमारी लग जाती है. जिससे बहुत नुकसान का सामना करना पड़ता है. जिसके लिए डॉक्टर के निर्देश पर दवाई का छिड़काव किया जाता है. इससे कुछ सुधार होता है और मछलियां स्वस्थ होती है. वर्तमान में हमारे पास सात तालाब है. जिसमें दो नर्सरी तालाब है. जिसकी क्षमता 5500 पीस मछली तैयार करने की है. वही तैयारी के बाद करीबन 45 से 50 क्विंटल मछली उत्पादन होता है. जिससे करीबन 11 से 12 लाख तक की कमाई होती है.

Tags: Banka News, Bihar News, Farming, Local18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *