अनोखी भक्त! बच्चों की तरह रखती है भगवान का ध्यान, रखे हैं अनेक नाम…खिलाती है दूध-बिस्कुट

विशाल झा/गाजियाबादः मानो तो देवता, नहीं तो पत्थरयह कहावत भगवान के प्रति आस्था के लिए प्रसिद्ध है. आपने भी घरों में सुबह-शाम पूजा करने वाले और मंदिर में दर्शन करने वाले कई भक्तों को देखा होगा, लेकिन आज हम आपको गाजियाबाद की एक ऐसी भक्त से मिलवाने जा रहे हैं जो 18 वर्षों से ठाकुर जी की सेवा कर रही हैं. उनके दिन की शुरुआत और अंत ठाकुर जी के साथ ही होती है. बुजुर्ग अनीता और ठाकुर जी के बीच में इस प्रेम को देखकर सब हैरान रह जाते हैं.

ठाकुर जी को लोरी गाकर जगाती है

अनीता ने बताया कि रोजाना सुबह 4 बजे उठती हैं, फिर पूरे मंदिर की अच्छे से सफाई करती हैं. उसके बाद नहाती हैं और फिर ठाकुर जी की सेवा में लग जाती हैं. ठाकुर जी को सबसे पहले फिर लोरी गा कर जगाती हैं. जागो आनंदप्यारे, जागो मेरे राज दुलारे जागो‘… इन्हीं पंक्तियों के साथ ठाकुर जी नींद से उठ जाते हैं.

अनीता ने ठाकुर के कई नाम रखे

अनिता के पास कई सारे ठाकुर जी और एक लाडो है. इसलिए उन्होंने सबके नाम रखे हुए हैं. सबसे पहले आए ठाकुर जी का आनंद नाम है, फिर दक्ष मिले, इसी तरीके से एक ठाकुर जी मंदिर में पड़े थे, तो उन्हें भी अनिता घर ले आई और पूजा रूम में स्थान दे दिया. फिर प्रेम आए जो छोटी बहू लेकर आई थी, फिर बड़े ठाकुर जी आनंद के लिए अनिता एक लाड़ो लेकर आई थी. अनिता कहती है कि उनकी कोई बेटी नहीं है, इसलिए लाड़ो को ही अपनी बेटी बनाया है.

छोटे-छोटे बच्चों की तरह प्यार

रोज सभी को दही-दूध से स्नान कराने के बाद अनिता उनको दूध-बिस्कुट देती हैं. इसके बाद दोपहर के खाने में रोज अलग-अलग चीजें बनाई जाती हैं. इसके बाद घरों में जैसे सबसे पहले छोटे सदस्य को कुछ दिया

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