नई दिल्ली :
अनुच्छेद 370 के मामले में ‘रूट इन कश्मीर’ संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उसने मामले में याचिकाकर्ता नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन पर सवाल उठाए हैं. लोन पर पाकिस्तान समर्थित होने का आरोप लगाया गया है. संगठन ने उनके पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का हवाला दिया है. संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है और उसको मंजूर करने की गुहार लगाई है.
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कश्मीरी पंडितों के संगठन ‘रूट इन कश्मीर’ की ओर से अमित रैना ने अपनी अर्जी में कहा है कि, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले मोहम्मद अकबर लोन को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी ताकतों के समर्थक के रूप में जाना जाता है जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं. वे नेशनल कॉन्फ्रेंस से संसद सदस्य हैं.
विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लगाए थे
रैना ने कहा है कि, लोन 2002 से 2018 तक विधानसभा के सदस्य थे और उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पटल पर “पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे नारे लगाए थे. उक्त तथ्य को मीडिया द्वारा व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया था. इसके बाद उन्होंने खुद न सिर्फ नारे लगाने की बात स्वीकारी बल्कि माफी मांगने से भी इनकार कर दिया. जब पत्रकारों ने पूछा तो लोन मीडिया को संबोधित करते हुए खुद को भारतीय बताने में भी झिझक रहे थे. इसी तरह लोन अपनी रैलियों में भी पाकिस्तान समर्थक भावनाएं फैलाने के लिए जाने जाते हैं.
अर्जी में कहा गया है कि इस मामले में संविधान पीठ के समक्ष दो राजनीतिक दल हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रतिनिधित्व लोन और अन्य संसद सदस्य कर रहे हैं और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का प्रतिनिधित्व इसकी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती कर रही हैं.
दोनों मुख्यधारा की पार्टियां खुले तौर पर अनुच्छेद 370 की समर्थक
जम्मू-कश्मीर में उक्त दोनों मुख्यधारा की पार्टियों ने खुले तौर पर अनुच्छेद 370 का समर्थन किया है और किसी भी ऐसे अभ्यास का जोरदार विरोध किया है जो पूरे संविधान को जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों पर लागू होता है.
लोन ने अक्सर खुले तौर पर पाकिस्तान समर्थक बयान दिए हैं. संभवतः यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश के बाकी हिस्सों के बराबर लाने वाले किसी भी कदम को चुनौती देने के उनके विरोध को स्पष्ट करता है. इसे लेकर संगठन ने मीडिया की रिपोर्ट भी हलफनामे में दाखिल की है.