अधूरा है मकान या मरम्मत की है दरकार, इस योजना के लिए अप्लाई कर चकाचक कराएं घर

नीरज कुमार/बेगूसराय. बिहार के ग्रामीण इलाकों में आज भी आपको आवास योजना के अधिकतर मकान अधूरे दिख जाएंगे. ऐसे अधूरे पड़े आवासों को पूरा करना गरीबों के बस की बात नहीं है. वे परिवार के लिए रोटी का जुगाड़ करें कि अधूरे घर को बनवाने के लिए रुपए जमा करें. इस कारण से घर रहते हुए भी वे इसका सही से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं.

दूसरी बात यह कि ऐसे लोगों को दोबारा आवास योजना का लाभ भी नहीं मिलता है. लेकिन, अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं, तो फिर बस अपने आवास सहायक से संपर्क कर लें और सरकारी योजना के तहत 50 हजार रुपए लेकर अपने अधूरे घर को बना लें या फिर मरम्मत कर रहने लायक बना लें.

जानें क्या है मुख्यमंत्री ग्रामीण सहायता आवास योजना?
जिले के चेरिया बरियारपुर के ग्राम प्रधान प्रखंड विकास कमेटी के सदस्य रविनेश कुमार राही ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सहायता आवास योजना मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवार के सदस्यों के लिए चलाई जाती है. इसके लिए पात्र लाभुक वही होंगे, जिन्हें वर्ष 1989 से 2010 के बीच सरकारी आवास योजना का लाभ मिला था. उनके घरों की मरम्मत या फिर छत ढलाई के लिए सरकार 50 हजार रुपए की सहायता देती है.

इच्छुक लाभार्थी इस योजना का लाभ अपने आवास सहायक के माध्यम से आवेदन देकर प्रखंड से प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना पूरी तरह से नि:शुल्क है. योजना का लाभ देने के लिए सरकार एक रुपए भी नहीं लेती है. ऐसे में अगर आप भी वर्ष 1989 से लेकर 2010 तक आवास योजना का लाभ ले चुके हैं, तो घर की मरमत या छत ढलाई के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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जिम्मेदारों को भी नहीं है इस योजना की पूरी जानकारी
जिले के ग्रामीण इलाके में ग्राम प्रधान (मुखिया) ही आवास योजना के पात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें आवेदन करने के लिए जागरूक करते हैं. लेकिन विक्रमपुर पंचायत के मुखिया रमेश सिंह और सकरबासा पंचायत के मुखिया सुरेंद्र राम ने बताया कि प्रखंड के अधिकारियों ने इस योजना के बारे में उन लोगों को आज तक नहीं बताया है. हम लोगों को मालूम ही नहीं है कि यह योजना क्या है और इसका लाभ कैसे दिया जा सकता है? लेकिन यहां के प्रखंड के अधिकारियों का दावा है कि हर गांव के 50 से अधिक पात्र लाभुकों का चयन कर उन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है.

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