हिमाचल प्रदेश में पेश किए गए बजट में कुछ वर्गों को छोड़े जाने से नाराज राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है।
विक्रमादित्य ने कहा कि राज्य सरकार ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है।
लोक निर्माण मंत्री ने बजट पेश किए जाने के बाद शनिवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अधिकारियों की लापरवाही के कारण बजट में कुछ वर्गों का उल्लेख छूट गया और हमने इसका कड़ा संज्ञान लिया है तथा मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में स्थिति स्पष्ट करने का आश्वासन दिया है और हम इसके लिए उनके आभारी हैं।’’
विक्रमादित्य सिंह ने रविवार को पीटीआई-से कहा कि बजट में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के बहुउद्देश्यीय श्रमिकों को छोड़ दिया गया है और परीक्षा परिणामों की शीघ्र घोषणा के लिए धरने पर बैठे नौकरी के आकांक्षियों के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पहले कहा था कि सरकार और कांग्रेस संगठन के बीच कोई मतभेद नहीं है, लेकिन राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद कई ऐसे काम हैं जो अब तक पूरे नहीं हो सके हैं। प्रतिभा सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और विक्रमादित्य सिंह की मां हैं।
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