अदालत ने नरेश गोयल को बीमार पत्नी एवं निजी डॉक्टर से संपर्क करने की अनुमति दी

मुंबई की एक विशेष अदालत ने केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में आरोपी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को मानवीय आधार पर 13 जनवरी को बीमार पत्नी से मुलाकात करने की अनुमति दे दी है।
उन्हें विभिन्न बीमारियों को लेकर निजी डॉक्टरों से भी संपर्क करने की अनुमति दे दी गयी है।
इस आदेश से कुछ दिन पहले गोयल ने अदालत से कहा था कि वह ‘जिंदगी की आस खो चुके हैं’ और इस स्थिति में जीने से ‘बेहतर होगा कि वह जेल में ही वह मर जाएं।’’
गोयल ने कहा था कि उन्हें अपनी पत्नी अनीता की कमी बहुत खलती है जो कैंसर के अंतिम चरण में हैं।
विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने मंगलवार को गोयल को 13 जनवरी को यहां अपने निवास पर अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी।

न्यायाधीश देशपांडे ने उन्हें 10-12 जनवरी के दौरान अपने विभिन्न रोगों को लेकर निजी चिकित्सकों से मिलने/संपर्क करने की भी अनुमति दे दी।
न्यायाधीश देशपांडे ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि आरोपी 75 साल के हो गये हैं और उन्हें कई बीमारियां हैं, ऐसे में उनका शरीर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है।
अदालत ने कहा कि इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि उनकी पत्नी को कैंसर है और वह बिस्तर पर पड़ी हुई हैं।
न्यायाधीश देशपांडे ने कहा, ‘‘ उनकी एकमात्र बेटी भी कथित रूप से स्वस्थ नहीं है और अपनी मां की देखभाल करने की स्थिति में नहीं है। इस तरह, आरोपी एवं उनकी पत्नी अनाथ हो गये हैं। ऐसी स्थिति में बीमार पत्नी से मिलने की चाहत स्वभाविक है।’’

न्यायाधीश देशपांडे ने कहा कि यदि इसकी इजाजत दी जाती है तो इससे ईडी को कोई नुकसान नहीं होगा।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ इस असाधारण स्थिति पर गौर करने के बाद मेरी राय है कि समानुभूति की दृष्टि से आरोपी नरेश की पत्नी से मिलने की दरख्वास्त पर विचार किया जाए क्योंकि यह मानवीय आधार पर इंसाफ होगा।’’
न्यायाधीश ने कहा कि ईडी इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए अपने दो कर्मियों को लगा सकता है ताकि ऐसी कोई हरकत न हो जो इस मामले के लिए कथित रूप से नुकसानदेह हो।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पिछले साल एक सितंबर को गोयल को गिरफ्तार किया था। वह अभी यहां आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
धनशोधन का यह मामला गोयल , उनकी पत्नी अनीता, अब बंद हो चुकी निजी एयरलाइन के कुछ पूर्व कंपनी कार्यकारियों के खिलाफ केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी पर आधारित है।

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