अदालत ने चलती ट्रेन में चार लोगों की हत्या करने वाले आरपीएफ कांस्टेबल को जमानत नहीं दी

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चौधरी ने बी 5 कोच में अपने स्वचालित हथियार से गोली चलाकर आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा तथा एक यात्री की हत्या कर दी थी। उसके बाद उसने पैंट्री कार में एक अन्य यात्री तथा एस 6 में एक और यात्री को मार डाला। उसके बाद जब यात्रियों ने चेन खींची तब ट्रेन (मुंबई उपनगरीय रेल सेवा के) मीरा रोड स्टेशन के समीप रूक गयी। चौधरी ने भागने की कोशिश की लकिन यात्रियों ने उसे पकड़ लिया। अक्टूबर में पुलिस ने चौधरी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। उसपर भादंसं, रेलवे अधिनियम तथा महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण अधिनियम की संबंधित धाराएं लगाते हुए मामला दर्ज किया गया।

मुंबई की एक अदालत ने इस साल जुलाई में चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहयोगी एवं तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में बर्खास्त कर दिये गये रेलवे सुरक्षा बल (आपीएफ) के कांस्टेबल चेतनसिंह चौधरी को शनिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया।चौधरी फिलहाल महाराष्ट्र में अकोला की जेल में बंद है और उसे सुनवाई के दौरान अदालत में पेश किया गया था।
उसने पिछले महीने अपने वकीलों अमित मिश्रा और पंकज घिलडियाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी जिसमें उसने कहा था कि उसे लगता है कि उसपर ‘भूत-प्रेत की साया है’ इसलिए वह ऐसी अजीब हरकत कर रहा था।

इस मामले की जांच कर रही रेलवे सुरक्षा बल ने ने यह कहते हुए चौधरी की जमानत अर्जी का विरोध किया था कि ऐसा लगता है कि उसके मन में एक खास समुदाय के प्रति ‘गुस्सा एवं द्वेष’ है तथा उसने अपने गुनाह को लेकर कोई अफसोस नहीं जताया।
उसने यह भी कहा था कि यदि उसे जमानत दी जाती है तो उससे कानून के बारे में नकारात्मक छवि पेश हो सकती है तथा कुछ धार्मिक समूहों के बीच डर, घबराहट और असुरक्षा भी पैदा हो सकती है।
चौधरी की गोलीबारी की शिकार हुए असगर शेख की पत्नी उमेशा खातून ने भी उसकी (चौधरी की) जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपी ‘आतंकवादी मानसिकता का व्यक्ति’ है तथा वह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

खातून ने अपने वकीलों करीम पठान और फजर्लुररहमान के मार्फत अदालत में अपनी बातें रखीं।
महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के पास 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में यह घटना घटी थी। चौधरी ने बी 5 कोच में अपने स्वचालित हथियार से गोली चलाकर आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा तथा एक यात्री की हत्या कर दी थी। उसके बाद उसने पैंट्री कार में एक अन्य यात्री तथा एस 6 में एक और यात्री को मार डाला।
उसके बाद जब यात्रियों ने चेन खींची तब ट्रेन (मुंबई उपनगरीय रेल सेवा के) मीरा रोड स्टेशन के समीप रूक गयी। चौधरी ने भागने की कोशिश की लकिन यात्रियों ने उसे पकड़ लिया।
अक्टूबर में पुलिस ने चौधरी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। उसपर भादंसं, रेलवे अधिनियम तथा महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण अधिनियम की संबंधित धाराएं लगाते हुए मामला दर्ज किया गया।

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