अतीत का अलीगढ़
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अलीगढ़ जिले के नाम पर एक बार फिर काफी चर्चा हो रही है। अलीगढ़ नगर निगम ने बीते दिनों एक प्रस्ताव पारित करके शासन के पास जिले के नाम हरिगढ़ करने का सुझाव भेजा है। दरअसल महान संगीतज्ञ तानसेन के गुरु हरिदास की भूमि होने की वजह से एक वर्ग जिले का नाम हरिगढ़ रखने के पक्ष में है। लेकिन जिले का नाम हरिगढ़ कभी नहीं रहा। अलबत्ता, कुछ समय के लिए अलीगढ़ को रामगढ़ भी कहा जाता था ।
मुख्यतः अलीगढ़ को लंबे समय तक कोल ही कहा जाता था। दरअसल, नज्फ खान के दौर में कोल क्षेत्र के पास एक किले का निर्माण कराया गया। इस किले का नाम अलीगढ़ रखा गया। इसी किले के नाम से जिले का नाम अलीगढ़ पड़ा। कुछ समय के लिए कोल क्षेत्र को साबितगढ़ भी कहा जाने लगा था। बाद में जिले के तौर पर अलीगढ़ और तहसील के रूप में कोल सर्वमान्य और सर्वस्वीकार्य हो गया। अंग्रेजी शासन काल के बंदोबस्त के अनुसार अलीगढ़ जिला मेरठ कमिश्नरी का हिस्सा था।
कोल को ‘हैंडसम’ टाउन मानते थे अंग्रेज
ब्रिटिश काल के दस्तावेज बताते हैं कि अंग्रेज कोल को आमतौर पर एक हैंडसम (खूबसूरत) टाउन मानते थे। इसका जिक्र उन्होंने लिखित रूप से बाकायदा अपनी प्रशासनिक रिपोर्टों में किया है। उन्होंने लिखा है कि कोल काफी अच्छे स्थान पर बसा है। कोल का मध्यस्थान ऊंचाई वाली जगह स्थित पुराने किले के द्वार के पास था। यहीं पर खूबसूरत साबित खां की मस्जिद का निर्माण कराया गया था।
बाद में म्युनिसिपल प्रशासन ने इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुकानों का निर्माण कराया था। इस केंद्रीय स्थान से उत्तर पूर्व को जानी वाली चौड़ी सड़क रेलवे स्टेशन को जाती थी। दूसरी सड़क खैर के लिए जाती थी। गंगा के किनारे रामघाट से मथुरा जाने वाली सड़क का व्यावसायिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण थी। मुख्य बाजार जाने वाली सड़क रेलवे स्टेशन होते हुए ग्रैंड ट्रंक रोड से मिल जाती थी।