अडानी र‍ियल्‍टी को म‍िला सरकारी कॉन्‍ट्रैक्‍ट, हजारों करोड़ की डील फाइनल

Adani Realty Contract: गौतम अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी रियल्टी ने 24 एकड़ के बांद्रा रिक्लेमेशन लैंड पार्सल के रीडेवलपमेंट का ठेका हासिल कर लिया है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है. इस पर आध‍िकार‍िक जानकारी सामने नहीं आई है. महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRDC) बोर्ड की आगामी बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार इस प्रोजेक्‍ट की अनुमानित लागत 3000 करोड़ रुपये है. MSRDC ने पिछले साल इस लैंड पार्सल के पुनर्विकास के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं. अडानी रियल्टी के अलावा, कई अन्य बड़ी कंपनियों ने भी इस निविदा में ह‍िस्‍सा लिया था.

हाउस‍िंग और कमर्श‍ियल स्‍पेस उपलब्‍ध होगा

यह परियोजना मुंबई के लिए अहम है. इससे शहर की बढ़ती आबादी के लिए हाउस‍िंग और कमर्श‍ियल स्‍पेस उपलब्‍ध होगा. अडानी रियल्टी की तरफ से इस लैंड पार्सल के लिए 22.79% राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की गई थी. अडानी रियल्टी ने 18% राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश करने वाली लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को पीछे छोड़ द‍िया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार लैंड पार्सल का संभावित डेवलपमेंट एरिया 45 लाख वर्ग फीट है और इसकी कीमत करीब 30,000 करोड़ रुपये है. यह करार रेवेन्‍यू शेयरिंग मॉडल पर बेस्‍ड है. यानी अडानी रियल्टी इस लैंड पार्सल से होने वाले राजस्व का एक हिस्सा MSRDC को देगी.

एमएसआरडीसी (MSRDC) के एमडी अनिल कुमार गायकवाड़ के कहा क‍ि यह फैसला रेवेन्यू बेस्ड मॉडल पर था. अडानी की बोली नई और चल रही इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए राजस्व को बढ़ाने में सरकार के ह‍िसाब से है. गायकवाड़ ने उन आरोपों को खार‍िज क‍िया ज‍िसमें कहा जा रहा था क‍ि ब‍िड प्रोसेस कुछ डेवलपर्स का पक्ष लेती है. उन्होंने बताया MSRDC की बोलियां राजस्‍व पर आधार‍ित हैं. ऐसे में ज‍िस भी डेवलपर की तरफ से ज्‍यादा ऑफर क‍िया जाता है, वो सरकार के ल‍िए फायदेमंद है.

गौरतलब है क‍ि 2022 में अडानी ग्रुप 259 हेक्टेयर में फैली धारावी री-डेवलपमेंट प्रोजेक्‍ट के ल‍िए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में सामने आई थी. ग्रुप ने दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के री-डेवलपमेंट के ल‍िए 5,069 करोड़ की ब‍िड लगाई थी. बोली 20,000 करोड़ की प्रोजेक्‍ट के ल‍िये थी.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *