बलौदाबाजार. अब तक आपने पुलिस द्वारा किसी मुजरिम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात सुनी होगी, लेकिन अब मौका है जब खुद पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस के खिलाफ यह एफआईआर बलौदाबाजार में दर्ज हुआ है. पुलिस अधिकारी द्वारा की गई मनमानी की शिकायत पर जब विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की तब कोर्ट में परिवाद दायर किया गया. मामले को सुनने और थाने के सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद कोर्ट ने एफआईआर दर्ज किया है. बलौदाबाजार साइबर सेल प्रभारी रहे परिवेश तिवारी से यह मामला जुड़ा हुआ है, जो इन दिनों बलौदाबाजार जिले के सिमगा थाना के प्रभारी थे और 2 दिन पहले उनका तबादला सुकमा जिले में कर दिए जाने का आदेश जारी किया गया है.
अक्सर पुलिस अधिकारी शक के आधार पर कथित जुर्म के आरोप में बेगुनाहों को हिरासत में लेकर रौब झाड़ते हुए मारपीट के साथ दूसरे मामलों में फंसा देने का खौफ दिखाया करते है. हालांकि ऐसे मामले में कोर्ट अब सख्त कार्रवाई कर रही है. हाल के दिनों में ऐसे ही थाने में हुई मारपीट और परिवार के सदस्यों को बिना किसी जुर्म के थाने में बैठने के मामले में हाईकोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी कर राज्य के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे. नया मामला बलौदा बाजार जिले का है. बता दें कि पहन्दा रोड निवासी राजनारायण साहू के मामले में भी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज अहम सबूत के रूप में शामिल की गई और उसे कोर्ट ने सबूत मानते हुए एफआईआर दर्ज किया.
पुलिस अधिकारी पर मनमानी का आरोप
कथित सट्टा पर कार्रवाई के नाम पर सायबर सेल किस तरह मनमानी कर रही है, इसका ताजा उदाहरण बलौदा बाजार कोर्ट में सामने आया है. बता दें कि कोर्ट में बलौदाबाजार के पहंदा रोड निवासी लोहा व्यवसायी राजनरायण साहू ने परिवाद दायर कर साइबर सेल प्रभारी रहे परिवेश तिवारी और दो आरक्षक मुकेश रात्रे और जिनेन्द्र निषाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसमें बताया था कि परिवेश तिवारी की नेतृत्व में टीम 19 सितंबर 2023 को बिना नंबर वाली कार में सवार होकर कथित सट्टा खिलाने के नाम पर परिवादी के घर गई. जहां से बिना जानकारी दिए उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया और बाद में परिवादी राजनरायण साहू को हिरासत में लेकर सायबर सेल में लाकर उनके साथ मारपीट की.
बाद में कोतवाली थाना लाया गया और फिर बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया. मामले की जानकारी होने के बाद भी उच्च अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की. परिवाद पर सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने एफआईआर दर्ज किया है. राजनरायण साहू के अधिवक्ता योगेश नामदेव ने बताया कि बलौदा बाजार के नया बस स्टैंड में पुलिस सट्टा पर कार्रवाई करने गई थी, जहां राजनारायण साहू का नाम लिए जाने पर बिना जांच और उच्च अधिकारियों को सूचना दिए सायबर सेल प्रभारी परिवेश तिवारी पहंदा रोड निवासी राजनारायण साहू के घर गए और हिरासत में लेकर मारपीट की. वहीं परिवादी राजनारायण साहू ने कहा कि पुलिस उनके घर से उठाकर ले गई और एसपी के खिलाफ अवमानना याचिका को वापस लेने का दबाव बनाई. इसके लिए उनके साथ मारपीट की गई. अब कोर्ट ने एफआईआर दर्ज किया है. एसएसपी सदानंद कुमार ने कहा कि कोर्ट का निर्देश आया है. जांच कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 11:20 IST