अजीबोगरीब नाम वाला पोखर, यहां दुल्हन जाती थी नहाने, फिर निकलती थी सजधज कर

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: छोटे बड़े पोखरे तो अपने तमाम देखा होगा. लेकिन आज जिस पोखरे के बारे में हम आपको बताएंगे और दिखाएंगे भी. जिसको देख और सुन शायद आप भी चौंक जाएंगे. जी हां हम बात कर रहे हैं दुल्हनिया पोखरे की अब आप सोच रहे होंगे कि यह दुल्हनिया पोखरा क्या है? हम आपको बताते हैं कि आखिर यह दुल्हनिया पोखरा है क्या?.

दरअसल पहले के जमाने में दुल्हन को नहाने की सुदृढ़ व्यवस्था नहीं थी. उसी को ध्यान में रखते हुए इस पोखर का निर्माण कराया गया. इस पोखर का निर्माण भी बड़ा अजीबोगरीब हुआ. इसके अंदर दुल्हन जाती थी और अंदर ही अंदर इतनी व्यवस्था थी की स्नान कर दुल्हन सज ढज कर बाहर निकल जाती थी. जिसे कोई देख भी नहीं पाता था. आज भी यह ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जिले के रसड़ा में मौजूद है. इतिहासकार शिवकुमार सिंह कौशिकीय बताते हैं कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है. लगभग 200 वर्ष से अधिक पुराना यह पोखरा है. जिसे दुल्हनिया पोखरा के नाम से जाना जाता है. जो आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ऐसे हुआ इस दुल्हनिया पोखरे का निर्माण
इतिहासकार बताते हैं कि ईसवी संवत के हिसाब से 1870 में इस पोखरे का निर्माण हुआ. जिसका निर्माण इसी रसड़ा क्षेत्र के पंच मंदिर मोहल्ला निवासी बड़ा ही रईस परिवार के रामफल की दुल्हन गौरा कुंवर (बरनवाल परिवार) ने बड़की बाउली में कराया था. इसका निर्माण इतना भव्य था की इसमें पशुओं को पानी पीने की अलग व्यवस्था थी. यह पूरी बावड़ी लाल पत्थर से बनाई गई थी. इसमें पुरुषों के नहाने के लिए अलग व्यवस्था थी और दुल्हन को नहाने के लिए खास तौर से इसमें सुदृढ़ व्यवस्था की गई थी. सबसे खास बात यह है कि इसमें जब दुल्हन नहाने जाती थी तो अंदर इतना सुदृढ़ व्यवस्था था की दुल्हन इस पोखरे में नहा कर अंदर ही अंदर सज धजकर बाहर निकल जाती थी. जिसके चलते ही इसका नाम दुल्हनिया पोखरा पड़ गया.

पोखरा और मंदिर है एक दूसरे का पूरक
पहले के जमाने में हैंडपंप एका दोका हुआ करता था. जब इस पोखर का निर्माण कराया गया. तो इस दौरान यहां एक मंदिर का भी निर्माण कराया गया ताकि जब दुल्हन इस पोखरे में स्नान करके निकले तो सीधे मंदिर से पूजा करते हुए निकल जाए. एक तरह से कहा जाए तो पोखरा और मंदिर का निर्माण ही ऐसा किया गया कि यह एक दूसरे का पूरक बन गया. आज भी ऐतिहासिक धरोहर होने के कारण बहुत दूर-दूर से लोग इस धरोहर को देखने आते हैं. और इसके भव्य रूप को देख अचम्भित रह जाते हैं.

.

FIRST PUBLISHED : October 16, 2023, 11:59 IST

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *