अग्नि-5 मिसाइल टेस्ट पर चीनी जहाज ने रखी नजर: विशाखापट्टनम के तट से 500 किमी दूर तैनात किया; परीक्षण से ठीक एक दिन पहले पहुंचा

बीजिंग/नई दिल्ली8 मिनट पहले

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अग्नि-5 एक एडवांस्ड MIRV मिसाइल है। इसकी जद में चीन समेत कई यूरोपीय देश भी हैं। इसी मिसाइल की टेस्टिंग पर नजर रखने के लिए चीन ने अपना जासूसी जहाज भेजा था। - Dainik Bhaskar

अग्नि-5 एक एडवांस्ड MIRV मिसाइल है। इसकी जद में चीन समेत कई यूरोपीय देश भी हैं। इसी मिसाइल की टेस्टिंग पर नजर रखने के लिए चीन ने अपना जासूसी जहाज भेजा था।

भारत की अग्नि-5 मिसाइल की ओडिशा के समुद्र तट से सोमवार को टेस्टिंग की गई जिस पर चीन का खुफिया जहाज नजर रखे हुए था। 7 मार्च को भारत ने टेस्टिंग के लिए अलर्ट जारी किया गया था। इसके कुछ ही दिन पहले बीजिंग ने एक कथित रिसर्च जहाज भारतीय तट से कुछ दूरी पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में तैनात कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने अपने इस जहाज को भारत में मिसाइल टेस्टिंग पर नजर रखने के लिए भेजा। इसके अलावा मालदीव में पहले से ही चीन का एक और जहाज तैनात है। मैरीटाइम ट्रैफिक के डेटा के मुताबिक, चीनी जहाज जियांग यांग होंग-01 23 फरवरी को चीनी तट से रवाना हुआ था।

यह टेस्टिंग से ठीक एक दिन पहले 10 मार्च को बंगाल की खाड़ी में दाखिल हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी जहाज अब विशाखापट्टनम के तट से सिर्फ 480 किलोमीटर की दूरी पर है। दरअसल, सोमवार को भारत ने देश में बनी पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया।

मैप में देखिए हिंद महासागर में मौजूद चीन के 2 जहाजों की लोकेशन…

29 हजार 401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस है। यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल की जद में पूरा चीन और आधा यूरोप है। मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है। यह डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा।

भारत के अलावा अब तक दुनिया के सिर्फ 5 देश ऐसे हैं जिनके पास MIRV तकनीक से लैस मिसाइल है। इनमें चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं। बता दें कि भारत ने 7 मार्च को मिसाइल टेस्टिंग के लिए नोटिस टु एयर मिशन (NOTAM) जारी किया था। इसका मकसद आसपास के देशों को मिसाइल टेस्टिंग की जानकारी देना होता है।

पहले भी भारत की मिसाइल टेस्टिंग की जासूसी करने आए चीनी जहाज
यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने भारत में मिसाइल टेस्टिंग से ठीक पहले हिंद महासागर के क्षेत्र में अपना जासूसी जहाज तैनात किया है। साल 2022 में भी भारत ने एक NOTAM जारी किया था, जिसके बाद चीन ने युआन वांग-06 रिसर्च वेसल भेजा था। हालांकि, बाद में भारत ने टेस्टिंग कैंसिल कर दी थी।

इसी साल दिसंबर में भारत ने एक बार फिर अग्नि-5 मिसाइल की ही टेस्टिंग के लिए NOTAM जारी किया। तब चीन ने अपने दूसरे रिसर्च वेसल युआन वांग-05 को हिंद महासागर के क्षेत्र में भेजा था। कुछ चीनी विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भारत की अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5 हजार किमी से ज्यादा है।

चीन को डर- अग्नि-5 की रेंज 8 हजार किमी तक
साल 2012 में चीन के मिलिट्री साइंस एकेडमी के रिसर्चर ने ग्लोबल टाइम्स से कहा था कि अग्नि-5 की सही रेंज 8 हजार किमी तक हो सकती है। चीन के पास कई जासूसी जहाज हैं। वो भले ही कहता हो कि वो इन शिप का इस्तेमाल रिसर्च के लिए करता है, लेकिन इनमें पावरफुल मिलिट्री सर्विलांस सिस्टम होते हैं।

मालदीव और श्रीलंकाई बंदरगाह पर पहुंचने वाले चीनी जहाजों की जद में आंध्रप्रदेश, केरल और तमिलनाडु के कई समुद्री तट आ जाते हैं। चीन के जासूसी जहाजों में हाई-टेक ईव्सड्रॉपिंग इक्विपमेंट (छिपकर सुनने वाले उपकरण) लगे हैं। यानी आसपास के देशों के पोर्ट पर खड़े होकर यह भारत के अंदरूनी हिस्सों तक की जानकारी जुटा सकता है।

ये शिप जासूसी कर बीजिंग के लैंड बेस्ड ट्रैकिंग स्टेशनों को पूरी जानकारी भेजते हैं। चीन युआन वांग क्लास शिप के जरिए सैटेलाइट, रॉकेट और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की लॉन्चिंग को ट्रैक करता है। अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस शिप को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA की स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स यानी SSF ऑपरेट करती है।

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