अनूप पासवान/कोरबाः अगहन महीना, जिसे मार्गशीर्ष भी कहा जाता है, भगवान नारायण के लिए अत्यंत प्रिय है. इसी कारण भगवान नारायण के अवतार, भगवान कृष्ण ने गीता उपदेश में अर्जुन से कहा है, “बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्. मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः।।” जिसका अर्थ है, हे अर्जुन, मैं वह मार्गशीर्ष महीना हूं, जो ऋतुओं के राजा कुसुमाकर (फूलों का संग्रहण करने वाला) है और जिसमें बृहत्साम और साम गायत्री के छंदों का समाहित हूं. इस माह में प्रत्येक गुरुवार को भगवान नारायण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस विषय पर हमने ज्योतिष आचार्य पंडित अमरनाथ द्विवेदी से बातचीत की है.
ज्योतिष आचार्य पंडित अमरनाथ द्विवेदी ने बताया कि इस साल, अगहन माह की शुरुआत 28 नवंबर से हो रही है और 26 दिसंबर तक रहेगा. इस अवधि में चार गुरुवार हैं, जिसमें भगवान नारायण की पूजा का विशेष विधान है. इस दिन भगवान नारायण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. छत्तीसगढ़ में, अगहन गुरुवार की पूजा बहुत प्रचलित है, जिसे प्रत्येक घर में भगवान नारायण की पूजा की जाती है.
इस महीने में भगवान नारायण के साथ केले के पेड़ की भी पूजा की जाती है. सुबह नहा धोकर व्रत का संकल्प करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण कर भगवान नारायण की पूजा करें. इस दिन विशेष रूप से केले के पेड़ या भगवान नारायण को पीले वस्तुओं का अर्पण करें. चने की दाल से भगवान नारायण को चढ़ाएं, जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
आने वाले अगहन माह में, जिसमें कुल चार गुरुवार पड़ रहे हैं, गुरुवार के दिन का विशेष महत्व होता है. ज्योतिष आचार्य ने बताया है कि 28 नवंबर से शुरू हो रहा अगहन महीना, जो 26 दिसंबर तक चलेगा. इस बीच, चार गुरुवार हैं, जिनकी महत्वपूर्ण तारीखें इस प्रकार हैं:
1) 30 नवंबर 2023 (गुरुवार): इस दिन गुरुवार की पूजा का विशेष महत्व है, और इसे भगवान विष्णु या बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए आदर्श माना जाता है.
2) 7 दिसंबर 2023 (गुरुवार): इस दिन को ‘गोवत्स द्वादशी’ भी कहा जाता है, जिसमें गौ माता की पूजा की जाती है. इस दिन गौवंश के प्रति श्रद्धाभाव रखने वालों के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है.
3) 14 दिसंबर 2023 (गुरुवार): इस दिन को ‘विष्णुपदी’ भी कहा जाता है और इसे भगवान विष्णु की उपासना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
4) 21 दिसंबर 2023 (गुरुवार): इस दिन को ‘अगहन षष्ठी’ कहा जाता है, और इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन उनकी कृपा से दुष्टों का नाश होता है.
इस समय में चार गुरुवारों में भगवान नारायण की पूजा करने से विशेष महत्वपूर्ण होता है, और यह समय आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए अद्वितीय हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 26, 2023, 06:01 IST