दीपक पाण्डेय/खरगोन.होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग एक दुसरे को रंग लगाकर आपसी गिले शिकवे दूर करते है. मेल-मिलाप करते है, नए रिश्ते की शुरुआत करते है. लेकिन क्या आपको पता है की होली मंत्र साधना के लिए भी बेहद खास मानी जाती है. इस दौरान की गई साधना कई गुना फलदायक होती है.
शास्त्रों की मानें तो होलिका को तंत्र मंत्र साधन की दृष्टि से भी बेहद खास माना गया है. इस दौरान साधना करने से मन चाही सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है. विधि-विधान से होलिका का पूजा करने के बाद एक निश्चित समय में अगर साधन की जाएं तो सिद्धियों की प्राप्ति होती है. लेकिन कैसे? चलिए ज्योतिषी से जानते है सही समय और होलिका पूजन की विधि.
मंत्र सिद्धि के लिए खास –
खरगोन के ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज मेहता ने कहा कि होलिका दहन आयुर्वेद और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसके साथ ही मंत्र सिद्धि के लिए भी साधक अनेक क्रियाएं करते है. इस साल 25 मार्च 2024 को होली मनाई जाएगी. इसकी पूर्व रात्रि में होलिका दहन होगा.
पूजन की विधि –
पंचांग के अनुसार 24 मार्च की शाम को पूर्णिमा मनाई जाएगी. भविष्य पुराण एवं शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में यानी शाम के समय ही होलिका का पूजन करें. इसके लिए सबसे पहले नहाकर स्वयं का शुद्धिकरण करें. इसके बाद जहां होलिका दहन होना है. वहां जाएं और होलिका के साथ प्रह्लाद जी की पूजा करें. क्योंकि एक कथा के अनुसार राजा हिरण्य कश्यप के पुत्र प्रह्लाद को उनकी बहन होलिका ने जलाने का प्रयास किया था, इसलिए भी यह पर्व मनाया जाता है.
मंत्र साधन के लिए करें पूजन –
होलिका दहन की रात में मंत्रोच्चार के जरिए साधना करने से मंत्रो की सिद्धि प्राप्त होती है. होलिका पूजन के साथ साधक होलिका की उपासना करके विधि विधान से पूजन करें. मंत्रो का जाप करें. इससे जिस मंत्र की चाहेंगे, उस मंत्र की सिद्धि होगी.
.
Tags: Holi, Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news, Religion 18
FIRST PUBLISHED : March 16, 2024, 13:47 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.