अगर रोजाना करते हैं ये योगासन तो कभी नहीं होगी हार्ट अटैक से मौत | Yoga excercises for healthy heart yogasan tips for heart in hindi | Patrika News

Yoga for Heart tips: हार्ट अटैक से मौत दुनिया में मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। मेडिकल साइंस में इस बीमारी के कई रिस्क फेक्टर बताए गए हैं जैसे तनाव, धूम्रपान, कोलेस्टेरॉल का बढऩा आदि। एक नई रिसर्च के अनुसार शरीर में सूजन भी हृदय की बीमारी के प्रमुख कारणों में से है। एक प्रोटीन जिसे सी-रिएक्टिव प्रोटीन कहा जाता है कि खून में अधिकता शरीर में सूजन की द्योतक है। इसके बढऩे से हृदय की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

योग इस बीमारी से बचने,लडऩे और ठीक होने का बेहतर माध्यम है। क्योंकि यह मन और शरीर दोनों की दवा है। डॉ. ऐरन फ्रिडल ने 1948 में मेडिकल जर्नल मिनेसोटा मेडिसिन में अपने लेख में यौगिक ब्रीदिंग से हृदय रोगियों को फायदा होने का दावा किया था। 1958 में मेडिकल जर्नल द लांसेट में यौगिक पूर्ण श्वसन के नाम से लेख प्रकाशित हुआ। अमरीकी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. डीन ओरनिश ने एक रिसर्च में योग के जरिए हृदय रोग रिवर्स करने का पेपर प्रकाशित किया।

इस रिसर्च में यह पाया गया कि योग हृदय रोग से बचाता ही नहीं, बल्कि इसे ठीक भी करता है। योग के जरिए हृदय रोग ठीक करने में यौगिक जीवन शैली, यौगिक आहार, कुछ आसन, सहज प्राणायाम एवं ध्यान करने की क्रियाओं को शामिल किया गया है। यहां गर्दन के कुछ व्यायाम साझा किए जा रहे हैं।

क्या है तकनीक (What is the technique)

जमीन या कुर्सी पर सीधे होकर बैठ जाएं। कमर और गर्दन को सीधे रखते हुए सांस भरते हुए गर्दन को आगे की ओर इस तरह से झुकाएं कि ठोड़ी छाती से लग जाए या उसके पास जितनी जा सके ले जाएं। सांस छोड़ते हुए वापस सीधी कर लें। इस क्रिया को पांच बार दोहराएं।
सीधे बैठकर सांस भरते हुए गर्दन को दाईं ओर इस तरह से झुकाएं कि दायां कान, दाएं कंधे के पास तक आ जाए और फिर बिना सांस रोके सांस छोड़ते हुए अपनी गर्दन को सीधी करें। यह प्रक्रिया बाईं तरफ भी इसी तरह दोहराएं। इसको छह बार करें। हृदय रोगियों को इसके अलावा अपनी दिनचर्या और आहार पर भी ध्यान देना चाहिए।
जोखिम कारकों से दूर रहना चाहिए

ये हैं फायदे (Benefits of yoga)

गर्दन मस्तिष्क और शरीर के बीच बहुत महत्त्वपूर्ण सेतु है। यहीं से शरीर की सबसे लंबी और प्रमुख नर्व जिसे वेगस नर्व कहते हैं, वह गुजरती है। गर्दन के व्यायाम से यह एक्टिवेट होकर हृदय गति को नियंत्रित कर हृदय को स्वस्थ और सबल बनाती है। यह क्रिया तनाव को कम करती है, जो हृदय रोग का बड़ा कारण है। यह क्रिया गले में दर्द व इसके अन्य रोगों से बचाती है। थाइरॉइड ग्रन्थि भी इससे नियंत्रित होती है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से बचाव होता है।

नोट – यौगिक साइंस की अगली कड़ी में पाठकों को एब्डोमन बीद्रिंग के बारे में बताया जाएगा-अतुल व्यास सेलिब्रिटी योग प्रशिक्षक

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