अगर ब्लड शुगर 120 mg/dL पर अटक जाए तो क्या यह डायबीटिज है? कैसे करें इसे मैनेज, डॉक्टर से जान लें सही बातें

हाइलाइट्स

फास्टिंग ब्लड शुगर का नॉर्मल रेंज 100 mg/dL है. अगर यह 125 तक अटक जाए यह प्री-डायबेटिक है.
120 से उपर ब्लड शुगर न पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि आप अभी से हेल्दी डाइट और एक्टिव रहें.

If Blood Sugar Level Under 120 mg/dL: डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों में 43 करोड़ लोग डायबेटिक हैं लेकिन अधिकांश इंसानों पर ब्लड शुगर का खतरा मंडरा रहा है. इसी आशंका में डॉक्टर उन्हें शुगर टेस्ट की सलाह देते हैं. सबसे पहले फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच कराई जाती है. अगर यह सौ से 125 mg/dL के बीच है तो डॉक्टर कुछ एहतियात बरतने की सलाह देते हैं. मामला बिगड़ने पर मरीज डॉक्टर से फिर सलाह करने जाते हैं. अगर यह 126 mg/dL मार्क को क्रॉस कर लेता है तो डॉक्टर डायबिटीज की दवा शुरू कर देते हैं. पर कुछ लोग ऐसे हैं कि वे जितनी बार टेस्ट कराने जाते हैं 120 के आस-पास ब्लड शुगर अटक जाता है. इस तरह मरीज कंफ्यूज रहते हैं कि क्या उसे डायबिटीज हैं या नहीं. इसी विषय पर हमने मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में मशहूर कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल से बात की.

तीन टेस्ट के आधार तय होती है स्थिति

डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर अगर फास्टिंग ब्लड शुगर 120 mg/dL तक सीमित रहता है तो इसे हमलोग प्री-डायबेटिक कंडीशन में मान लेते हैं. लेकिन यह कई बातों पर निर्भर करता है. इसके लिए कई चीजों की जरूरत होती है. सबसे पहले हमें यह देखना है कि फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच सही हुई है या नहीं. कई स्थितियों में फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच गलत हो सकती है. जैसे कि यदि आपने देर रात सोया है या पर्याप्त नींद नहीं ली है या दूध पीकर सोया है या सुबह एक्सरसाइज कर जांच कराई है, तो इन स्थितियों में यह जांच गलत हो सकती है. इसके बाद किसी को डायबिटीज है या नहीं, इसके लिए हमलोग कंपलीट शुगर पैनल की जांच कराते हैं. इनमें हम तीन तरह की जांच को मुख्य रूप से देखते हैं. फास्टिंग ब्लड शुगर, पोस्ट मील शुगर और एचबी1एसी टेस्ट. इन तीनों टेस्ट के आधार पर हम किसी को डायबेटिक घोषित कर सकते हैं.

क्या है कट-ऑफ मार्क

डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि फास्टिंग ब्लड शुगर का नॉर्मल रेंज 100 mg/dL है. अगर यह 125  mg/dL तक अटका रहता है तो इसे प्री-डायबेटिक कंडीशन में माना जाएगा बशर्ते एचबी1एसी का लेवल 6.5 प्रतिशत से कम हो. वहीं पोस्ट मील ब्लड शुगर भी 180 mg/dL से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इन स्थितियों में अगर फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 120 से आगे नहीं जा रहा है तो उसे हम डायबेटिक पेशेंट नहीं मानेंगे. क्योंकि डायबिटीज का कट-ऑफ मार्क 126 है.

कब माना जाएगा डायबेटिक

डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि यदि फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 126 से नीचे नहीं आ रहा है और पोस्ट मील और एचबी1एसी भी ज्यादा है तो उसे हम डायबेटिक पेशेंट मानेंगे और उस स्थिति में ह म मरीज को डायबिटीज की दवा शुरू कर देंगे. इसके अलावा खान-पान में नियंत्रण बरतने की सलाह देंगे. ऐसे मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टरों के संपर्क में रहना चाहिए.

120 से नीचे लाने के लिए क्या करें

डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि 120 mg/dL से उपर ब्लड शुगर न पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि आप अभी से हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल का पालन करें. रोजाना हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, ताजे फल और सीड्स का सेवन करें. इसके साथ रोज ब्रिस्क एक्सरसाइज करें. यानी तेज वॉकिंग, रनिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग इत्यादि से खुद को एक्टिव रखें. तनाव न लें और पर्याप्त नींद लें. इसके साथ ही पर्याप्त पानी पीएं और जंक फूड, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और सिगरेट, शराब का सेवन न करें.

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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle

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