अमूमन लोग डायबिटिज और ब्लड प्रेशर समेत कुछ अन्य बीमारियों को ही वंशानुगत (खानदानी) बीमारी मानते हैं. पर आपको बता दें कि कुछ खानदानी बीमारियां ऐसी होती है जो आपकी जान भी ले सकती हैं चाहे आपको उसकी दवाइयां ही क्यों न ले रहे हों? केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति (National Policy for Rare Diseases) के तहत ऐसी तीन नई बीमारियों को शामिल किया है. इसमें ग्लैंजमैन थ्रोम्बस्थेनिया (Glanzman thrombosthenia), सिस्टिनोसिस (cystinosis) और एंजियोएडेमा (angioedema) रोग को शामिल किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय तकनीकी समिति और स्वास्थ्य महानिदेशक के वैज्ञानिकों की गठित कमेटी की सिफारिशों के बाद इन तीन बीमारियों को राष्ट्रीय नीति में शामिल किया गया है. राष्ट्रीय नीति में इन तीन बीमारियों के शामिल होने के बाद से इनके मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा. इन तीनों बीमारियों में इलाज मौजूद है. इस इलाज की दवाइयां और सर्जरी इतनी महंगी है कि अधिकतर मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. अगर इस बीमारी की दवाइयों के बारे में बात करें तो जीवनभर दवाइयों का खर्च ही 10 लाख रुपये से ज्यादा का है.
हालांकि भारत में इन बीमारियों के मरीजों की संख्या काफी कम है लेकिन राष्ट्रीय नीति में इन बीमारियों के शामिल होने के बाद से इसका लाभ इनके मरीजों को मिलेगा. सिस्टिनोसिस बीमारी की बात करें तो इस बीमारी के लिए मरीजों को सिस्टेमिन नाम की दवाई दी जाती है जो देश में नहीं मिलती है. इसकी दवाइयां विदेश से आती हैं. वहीं एंजियोएडेमा बीमारी की बात करें तो इसका इलाज भी काफी महंगा है.
ग्लैंजमैन थ्रोम्बस्थेनिया क्या है?
ग्लैंजमैन थ्रोम्बस्थेनिया एक जन्मजात रक्तस्राव विकार है, जो प्लेटलेट इंटीग्रिन अल्फा IIb बीटा3 की कमी के कारण होता है. यह इंटीग्रिन प्लेटलेट फाइब्रिनोजेन रिसेप्टर है और इस प्रकार प्लेटलेट एकत्रीकरण और हेमोस्टेसिस के लिए आवश्यक है. ग्लैंजमैन थ्रोम्बैस्थेनिया के मरीजों में आजीवन रक्तस्राव होता है जिसमें अक्सर म्यूकोक्यूटेनियस झिल्ली शामिल होती है.
सिस्टिनोसिस क्या है?
सिस्टिनोसिस एक आनुवंशिक स्थिति है, जिसमें सिस्टीन नामक अमीनो एसिड आपकी कोशिकाओं के भीतर बनता है. बहुत अधिक सिस्टीन आपकी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे क्रिस्टल बनते हैं जो जमा होते हैं और फिर आपके अंगों और ऊतकों में समस्याएं पैदा करते हैं. सिस्टिनोसिस अक्सर आपकी किडनी और आंखों को प्रभावित करता है.
एंजियोएडेमा क्या है?
एंजियोएडेमा त्वचा की परतों की सूजन है, जो तरल पदार्थ के निर्माण के कारण होती है. एंजियोएडेमा के लक्षण शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन सूजन आमतौर पर आंखों और होंठ को प्रभावित करती है.
आपको बता दें कि हाल में एक आरटीआई से खुलासा हुआ था कि एम्स दिल्ली को पिछले पांच वर्षों में दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए केंद्र से 23 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई. केंद्र ने 2019 से दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए कई उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) को लगभग 90 करोड़ रुपये जारी किए हैं और देश में दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए आठ सीओई में से एक दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स को 2019 में 1 करोड़ रुपये, 2020 में शून्य, 2021 में 4.10 करोड़ रुपये, 2023 में 7.12 करोड़ रुपये मिले और 2023 में 10.93 करोड़ रुपये दिए थे.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 12:10 IST