अखिलेश यादव ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठबंधन का मॉडल पेश किया : समाजवादी पार्टी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफा देने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से फिर सरकार बनाने के ताजा घटनाक्रम के बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को कहा कि उनके नेता अखिलेश यादव ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठबंधन का एक मॉडल पेश किया है और दूसरों को इसका अनुसरण करना चाहिए।
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा, ‘‘जो चुनाव होने जा रहे हैं वह धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को बचाने के लिए हैं। हमारी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के साथ सीट बंटवारे की घोषणा करके एक मॉडल पेश किया है। कांग्रेस के साथ दूसरे दौर की बातचीत चल रही है। भाजपा को हटाने के लिए सभी को इसका पालन करना चाहिए।
कुमार के इस्तीफे पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था।

हमारे नेता अखिलेश जी मुलायम सिंह यादव के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं, उन्होंने भाजपा को सत्ता हासिल करने से रोकने के लिए सब कुछ किया।’’
इस बीच सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, “भाजपा अपने जीवनकाल में इतनी कमजोर कभी नहीं थी, जितनी आज हो गयी।”
यादव ने कहा “आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है। जनता इसका करारा जवाब देगी। कोई आप पर विश्वास न करे, एक व्यक्ति के रूप में किसी की इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती।”
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि भाजपा और मीडिया का एक बड़ा वर्ग यह दिखाना चाहता है कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन टूटा हुआ और कमजोर है।
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि बिहार में जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद ‘इंडिया’ गठबंधन मजबूत होता जा रहा है।’’
समाजवादी पार्टी (सपा) ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन की शनिवार को औपचारिक घोषणा कर दी और सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया।

अखिलेश यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीट से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है…यह सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा, राजनीति में हर कोई अपना स्वार्थ, लाभ, पार्टी और अपने लोगों का भविष्य देखता है। वह (नीतीश) प्रधानमंत्री बनने के लिए इंडिया गठबंधन में गए थे और जब उन्हें स्वीकार नहीं किया गया, तो वह अपना पद बचाने के लिए यहां (राजग में) आ गये।
राजभर ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से कुमार के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जहां पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने इंडिया से अलग होने की घोषणा कर दी है, वहीं पंजाब में भी ऐसा ही हो रहा है।

राजभर ने दावा किया, उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव कांग्रेस से अलग होने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कांग्रेस के लिए 11 सीट की घोषणा की है, लेकिन उसके नेता कह रहे हैं कि बातचीत अभी भी जारी है और वे 25 सीट चाहते हैं।
राजग के एक अन्य सहयोगी दल निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने कुमार के दोबारा राजग में शामिल होने का स्वागत किया। उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन को बिना दूल्हे की बारात करार देते हुए कहा कि गठबंधन में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है और यह सफल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा, राजनीतिक दल गठबंधन में मिल तो रहे हैं, लेकिन उनके दिल नहीं मिल रहे हैं।

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