अखिलेश के कटाक्ष के बाद UP के उपमुख्यमंत्री पाठक ने ‘एक्स’ पर अपने नाम से पहले ‘सर्वेंट’ जोड़ा

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मौजूदा उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बीच वाक्युद्ध बुधवार को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर शुरू हुआ था, जब यादव पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद लखनऊ स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केन्द्र (जेपीएनआईसी) का गेट फांदकर अंदर पहुंचे थे और ‘लोक नायक’ की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था.

इस पर, पाठक ने तंज करते हुए कहा था, ‘‘उनका (अखिलेश) कानून-व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है. वह कभी कानून का पालन नहीं करते, बल्कि उसे तोड़ते हैं. अराजकता फैलाना सपा के इतिहास में शामिल है. अगर वह (अखिलेश) चढ़ने में इतने ही माहिर हैं तो उन्हें एशियाई खेलों में जाना चाहिये और भारत के लिये पदक जीतने चाहिये.”

पाठक के इस बयान पर सपा अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हम सर्वेंट डिप्टी सीएम की बात का जवाब नहीं देते हैं. अगर चीजों के लिये कोई जिम्मेदार है तो मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) खुद जिम्मेदार हैं. अगर वह सड़क टूटने पर आरोपियों की जेब से भरपाई करते हैं तो क्या वह जेपीएनआईसी और रिवर फ्रंट को हुए नुकसान की भरपाई नहीं करेंगे.”

खुद को ‘सर्वेंट’ कहे जाने पर पाठक ने सोशल मीडिया ‘एक्स'(पूर्व में ट्विटर) पर अपने नाम के पहले ‘सर्वेंट’ जोड़ लिया. इससे पहले, उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट एक वीडियो में कहा, ‘‘मैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव का दिल से आभार प्रकट करता हूं. उन्होंने मुझे सर्वेंट डिप्टी सीएम कहा है. यह सही है कि मैं जनता के सेवक के रूप में, नौकर के रूप में जनता के हित के लिये काम करता हूं, जबकि अखिलेश यादव राजघराने से आते हैं और राजाओं की तरह व्यवहार करते हैं.”

पाठक ने वीडियो में कहा, ‘‘अखिलेश के पिताजी कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वह (अखिलेश) भी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. मैं अखिलेश को इस बात के लिये धन्यवाद और आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने मुझे सर्वेंट डिप्टी सीएम बोला है.”

इस बीच, सपा प्रमुख ने पाठक द्वारा ‘एक्स’ पर अपने नाम में ‘सर्वेंट’ लगाने के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे गये एक सवाल पर कहा, ‘‘अगर उन्होंने ‘एक्स’ पर नाम में बदलाव किया है तो कल से वह सही मायने में पब्लिक सर्वेंट बनकर दिखाएं.”

सपा ने ‘एक्स’ पर अखिलेश का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने बयान का बचाव किया. अखिलेश ने कहा, ‘‘क्या वह (पाठक) सरकारी सेवक नहीं हैं? मैंने क्या गलत कहा? उन्हें तो ये बताना चाहिए था कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर जो संग्रहालय बना उस पर ताला किसने लगाया? उत्तर प्रदेश में किसी भी सरकार ने पहले कभी ऐसा नहीं किया होगा कि किसी को किसी ‘महापुरुष’ से जुड़े कार्यक्रम में भाग लेने से रोका गया हो.”

यादव ने स्वास्थ्य मंत्री का भी जिम्मा संभाल रहे पाठक पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘किसी भी सरकारी अस्पताल में गरीबों का इलाज नहीं हो पा रहा है. किसी भी अस्पताल में अगर वहां दवा-इलाज मिल रहा हो, तो बताएं. जो डेंगू जैसी बीमारी से गरीबों को नहीं बचा पा रहे हैं वे एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं.”

यादव ने सवाल किया कि पाठक ने पूर्व में अपने एक छापे के दौरान ‘एक्सपायर दवाओं’ का मामला पकड़ा था, उसकी जांच का क्या हुआ? उन्होंने पूछा कि जितने मेडिकल कॉलेज बनाये गये हैं, क्या उनमें नियमों के अनुरूप डॉक्टरों और अन्य कर्मियों की नियुक्ति हो गयी है?

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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