अक्षय नवमी के दिन क्यों होती है आवले के पेड़ की पूजा? पंडित जी से जानें महत्व

कैलाश कुमार/बोकारो. महापर्व छठ का समापन हो चुका है और आज अक्षय नवमी पर लोगों ने विधि विधान से आंवला के पेड़ की पूजा अर्चना की. बोकारो के सेक्टर 1 सिटी पार्क वन भोज स्थल में अक्षय नवमी पर्व पर आंवला के पेड़ की पूजा की गई. इसमें महिला व्रतियों ने विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की और श्रद्धा पूर्वक कुष्मांड कद्दू दान किया.

पूजा कारा रहे पंडित नित्यानंद पांडे ने लोकल 18 झारखंड को बताया कि अक्षय नवमी पर्व को आंवला नवमी भी कहा जाता है. इसे प्रमुख रूप से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को मनाया जाता है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और विधि पूर्वक फल, फूल और दीपक जलाकर आंवला पेड़ की पूजन करने की परंपरा है.

आंवला के पेड़ की है विशेष महत्व
आंवला पेड़ पूजन की परंपरा को लेकर पंडित नित्यानंद ने बताया कि वैदिक काल से आंवले के पेड़ को स्वास्थ्य जीवन का प्रतीक माना जाता है. जिसकी पूजा करने से स्वास्थ्य समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है. इसके अलावा आंवला नवमी पर में कुष्मांड कद्दू गुप्त दान की परंपरा है और इस दिन सोना चांदी दोनों को दान किया जाता है. वहीं, पुजा करने आई श्रद्धालु रजनी जयसवाल ने बताया कि इस दिन हम व्रती महिलाएं भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं और एक साथ सभी मिलकर आंवला के पेड़ के नीचे प्रसाद ग्रहण कर पूजा संपन्न करते हैं.

.

FIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 16:23 IST

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *