अंतरिम बजट पर बोले खड़गे, इसमें गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं, AAP ने बताया जुमला सरकार

मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर कांग्रेस ने कहा कि इसमें गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैंने बजट को ध्यान से सुना, इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि यह उनका केवल रोजमर्रा के कामों के लिए बजट है। उन्होंने 10 साल के वादों का ब्योरा नहीं दिया, उन्हें तुलना करनी चाहिए थी कि कितने वादे किये और कितने पूरे किये…उन्हें तुलनात्मक बयान देना चाहिए। 

खड़गे ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि 2014 के बाद ही देश को आजादी मिली और पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद ही देश में लोकतंत्र दिख रहा है। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ नौकरियों के वादे का क्या हुआ, काला धन वापस लाने का क्या हुआ और किसानों की आय दोगुनी करने के वादे का क्या हुआ? कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार अभी भी इनकार की मुद्रा में है और समस्याओं को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। इस बजट में आम लोगों, रोज़गार, कृषि, महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है…निर्मला सीतारमण ने कहा कि आय 50% बढ़ी है लेकिन सरकारी डेटा कहता है कि वास्तविक आय 25% घट गई है। 

जयपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि वित्त मंत्री का भाषण चुनावी भाषण जैसा लग रहा था। राष्ट्रपति के अभिभाषण को राजनीतिक भाषण के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि क्या यह बेरोजगारों को रोजगार देने वाला बजट है… यह बजट इस साल के लोकसभा चुनाव में लोगों को लुभाने के अलावा और कुछ नहीं है।

आप की भी प्रतिक्रिया

अंतरिम बजट 2024-25 पर आप सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह निराशाजनक बजट है। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है लेकिन बजट में इसके बारे में कुछ भी नहीं है…यह आम लोगों के लिए निराशाजनक बजट है। आप सांसद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि युवाओं, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को उम्मीद थी कि बजट में उनके बारे में बात होगी…इस बजट से 2024 के चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि बजट साबित करता है कि यह जुमला सरकार है। पीएम मोदी ने 2014 में कहा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे लेकिन एक करोड़ लोगों को भी नौकरी नहीं मिली. आज उन्होंने नया जुमला दिया है कि 55 लाख नौकरियाँ देंगे…महंगाई कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

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