एसोसिएटेड प्रेस ने ‘जी20 शिखर सम्मेलन में विभाजित वैश्विक शक्तियों के बीच समझौता मोदी की कूटनीतिक जीत’ शीर्षक वाले लेख में कहा, ‘‘कुछ विशेषज्ञों ने समझौते को रूस की जीत के रूप में देखा, जबकि अन्य ने इसे पश्चिम के लिए एक उपलब्धि करार दिया. लेकिन, अधिकतर विशेषज्ञ सहमत हैं कि यह प्रधानमंत्री मोदी के लिए विदेश नीति की जीत है क्योंकि वह वैश्विक मंच पर भारत के प्रभाव को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.”
ब्लूमबर्ग ने कहा कि जी-20 ने भारत के प्रधानमंत्री के वैश्विक नेता के दर्जे को मजबूत किया है.
फाइनेंशियल टाइम्स में पत्रकार जॉन रीड ने अपने लेख में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह भारत और व्यक्तिगत रूप से मोदी दोनों के लिए एक निर्विवाद जीत थी.”
फ्रांसीसी भाषा के स्विस समाचार पत्र ‘ले टेम्प्स’ के लेख में कहा गया है कि अफ्रीकी संघ का जी20 में प्रवेश मोदी के लिए एक उल्लेखनीय कूटनीतिक जीत है.
‘गल्फ न्यूज’ ने लिखा, ‘‘भारत के लिए जी20 की अध्यक्षता ने बहुपक्षीय कूटनीति में देश की बढ़ती भूमिका और एक ऐसी आवाज के रूप में उभरने को रेखांकित किया है जिसे अवश्य सुना जाना चाहिए.”
अंग्रेजी भाषा के अखबार ‘चाइना डेली’ में प्रकाशित एक भारतीय प्रोफेसर के आलेख में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान कई नये मानक गढ़े हैं.
‘द गार्डियन’, ‘पॉलिटिको’ और ‘न्यूजीवीक’ जैसे विदेशी प्रकाशनों ने भी इस संबंध में आलेख प्रकाशित किये हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)