जितेन्द्र कुमार झा/लखीसराय: नाश्ते में पराठों का चलन हमेशा से रहा है. चाहने वालों की चाहत ने पराठे को सर्वव्यापी बना दिया है. अब तो नाश्ते के अलावा लंच और डिनर में भी पराठे का चलन बढ़ गया है. आज हम पराठे के साथ परोसे जाने वाले एक ऐसे व्यंजन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम सुनते हीं मुंह में पानी आ जाएगा. जी हां हम बात कर रहे हैं है अंडा करी की.
वहीं पराठे के साथ अंडा करी खाना है तो आपको लखीसराय के रेलवे स्टेशन रोड आना होगा. जहां पिछले पांच वर्षो से मुन्ना कुमार वर्मा लोगों को यह स्वादिष्ट व्यंजन खिला रहे हैं. पराठे के साथ अंडा करी को खाने के जिए लखीसराय शहर के हर कोने से लोग यहां पहुंचते हैं. मुन्ना कुमार वर्मा ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से लोगों को पराठे के साथ अंडा करी खिला रहे हैं. यह आजीविका भी मुख्य साधन है. सुबह सात बजे हीं दुकान खोल देते हैं. इसके बाद ग्राहकों को परोसे जाने वाले सभी आइटम को तैयार करते हैं.
50 रूपए में चार पराठा
इस बीच ग्राहकों का आने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. ग्राहकों को अंडा करी, आलू का पराठा छोले के साथ चावल, आलू दम परोसा जाता है. खास बात यह है कि बाजार में जितनी भी दुकानें है सभी से सस्ते में लोगों को नाश्ता खिलाते हैं. वहीं ग्राहकों को सबसे अधिक अंडा करी और पराठा पसंद आता है. 50 रूपए में चार पीस पराठे एवं दो पीस अंडा करी ग्राहकों को परोसते हैं. ग्राहक राहुल कुमार ने बताया कि मजदूर तबके के लोगों के लिए नाश्ता हीं दोपहर के भोजन के समान है. एक प्लेट अंडा करी और चावल खाकर मन गदगद हो जाता है और दिन भर इसी भोजन के सारे अपना काम करते हैं.
10 कैरेट अंडे की रोजाना है खपत
मुन्ना कुमार वर्मा ने बताया कि पराठा बनाने में रोजाना 15 किलो आटा की खपत है. वहीं प्रत्येक दिन 10 कैरेट अंडे की खपत है. उन्होंने बताया कि दस कैरेट अंडे के के साथ 500 पीस पराठे की रोजाना बिक्री हो जाती है. सबसे खास बात यह है कि घर पर तैयार किए गए मसाले का प्रयोग करते हैं और सारा व्यंजन खुद से तैयार करते हैं. मसाला शुद्ध रहने स्वाद भी निखरकर आता है. वहीं इस दुकान से सालाना 10 लाख की कमाई हो जाती है. इसी पर पूरा परिवार आश्रित है. इसी छोटे से दुकान से होने वालर कमाई के दम पर सभी बच्चों को आत्मनिर्भर बना दिया है.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2023, 18:13 IST