अंग्रेजी बनी मुसीबत, खेल-खेल में टीचर ने पढ़ाया ऐसा पाठ, अब फर्राटेदार बोलते हैं इंग्लिश

बिट्टू सिंह/अंबिकापुरः सूरजपुर जिले के तुलसी गांव की प्राथमिक शाला के छात्र, जो पहले हिंदी की कविताएं पढ़ने में हिचकिचाते थे, आज अंग्रेजी की कविताओं का आनंद ले रहे हैं. इस स्कूल के एक शिक्षक के प्रेरणास्पद दृष्टिकोण ने छात्रों को खेल-खेल में पढ़ाने के रूप से शिक्षा को आसान बना दिया. जिससे छात्रों का रुझान पढ़ाई की ओर बढ़ गया है.

तुलसी गांव के बच्चे पहले स्कूल जाने के बजाय गांव में खेलते और कृषि कार्य में लगे रहना ही पसंद करते थे, लेकिन अब उन्हें स्कूल जाने में रुचि बड़ी है. स्कूल की दीवारें छात्रों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने वाले संदेशों से भरपूर हैं और यहां की शिक्षा के तरीके ने छात्रों की पढ़ाई को आकर्षक बना दिया है.

पढ़ाई की तरफ बड़ा छात्रों का रुझान 

इस स्कूल के हेडमास्टर रंजय सिहं सोनगरा के नेतृत्व में स्कूल की प्रबंधन बदलने का प्रयास किया गया है, और इसके परिणामस्वरूप छात्रों का रुझान पढ़ाई की ओर बढ़ गया है. अब तुलसी गांव के बच्चे बिना किसी आर्शीवाद के अपने अभिभावकों के साथ स्कूल जाते हैं.

खेल-खेल में पढ़ाई करते हैं बच्चे

रंजय सिहं ने कहा, खेल-खेल में पढ़ाई कराने से बच्चों का ज्ञान बढ़ जाता है और वे अपने शिक्षकों के साथ खुलकर अपनी बातें करते हैं. स्कूल की दीवारें छात्रों के अंदर की जानकारी को सुनहरी बनाती हैं और शिक्षक और छात्रों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देती हैं.

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