पानीपत. हरियाणा के पानीपत में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यूपी नेशनल हाइवे 709 एडी पर गांव कुराड़-जलालपुर के पास गोरजा इंटनेशनल में कैमिकल टैंक में गिरने से तीन श्रमिको की मौत हो गई. तीन श्रमिकों की केमिकल टैंक में गिरने की सूचना तुरंत प्रभाव से डायल 112 पर दी गई, जिसके बाद डायल 112 दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन मौके पर मौजूद किसी भी व्यक्ति की तीनों श्रमिको को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी. इसके बाद दमकल विभाग के कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाते हुए तीनों के शवों को बाहर निकाला.
गुस्साई भीड़ ने हादसे के बाद हंगामा कर दिया और शव लेने आयी एम्बुलेंस के शीशे तोड़ दिए. इसके बाद मौके पर एएसपी मयंक मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंचे और भीड़ को कंट्रोल किया.
जानकारी के मुताबिक, मृतक 2 श्रमिक फैक्टरी में ट्रैक्टर ड्राइवर और एक फिटर मैकेनिक थे. दो रासलापुर गांव के रहने वाले हैं तो वहीं एक गोरखपुर का बताया जा रहा है. वहीं हादसे के बाद गुस्साए परिजनों ने फैक्ट्री मालिक पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए तीनों के शवों को केमिकल टैंक में डालने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा की फैक्ट्री मालिक चोरी छिपे रात के वक्त फैक्टरी मालिक केमिकल श्रमिकों से निकलवाकर ड्रेन में डलवाता था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि हादसे के सबूत मिटाने के लिए फैक्टरी मालिक ने कैमरे भी उतरवाए हैं, जिसके बाद मालिक मौके से फरार है.
फिलहाल गुसाई भीड़ को कंट्रोल कर तीनों के शवों को पानीपत के सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया है और पुलिस मामले की गहनता से जांच करने में जुटी है, एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया कि यह गंभीर मुद्दा है इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी.य. एएसपी मयंक मिश्रा बताया कि मामले में अलग-अलग तरीके की जानकारी निकाल कर सामने आ रही है, लेकिन परिजन जो भी आरोप लगाएंगे और जो भी बयान दर्ज करवाएंगे उसके आधार पर मामले की गहनता से जांच की जाएगी. फैक्ट्री में किसी प्रकार के सीसीटीवी कैमरे और चौकीदार वगैरा से भी पूछताछ की जाएगी उन्होंने बताया अगर फैक्ट्री में किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि अगर फैक्ट्री मालिक द्वारा केमिकल को लेकर किसी प्रकार का अवैध काम किया जा रहा होगा तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया की फैक्ट्री मालिक द्वारा अवैध रूप से केमिकल युक्त पानी ड्रेन और नहरों में डाला जाता है, जिससे आसपास का पीने का पानी भी खराब हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 14:54 IST