हमारे बाबा साहेब चले गए…! कैसे हुई थी बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर की मौत? आँखे नम कर देने वाली घटना

Creative Common

शुरुआत में इस खबर को फौरी अफवाह मान लोग उस लड़के को गाली देकर मारने के लिए दौड़ने लगे। साथ ही धमकाते हुए कहा कि कि अगर खबर झूठी निकली तो उसे जिंदा नहीं बख्शा जाएगा। यह घटना नागपुर में उस वक्त हुई जब बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण की खबर हवा की तरह फैल रही थी।

यही कोई दस से ग्यारह साल उमर रही होगी उस लडके की जो रिक्शान पर बैठ अपनी हाथों में माइक को थामे झुग्गी-झोपड़ियों के चक्कर लगाता हुआ  दस-ग्यारह साल का लड़का रिक्शे में बैठकर ”हमारे बाबा साहेब चले गए, हमारे बाबा साहेब चले गए…”  दोहरा रहा था। उसके रुंधे हुए गले से निकल रही इस बात को सुनकर लोग सहम गए। आखिर इस ह्दय विदारक खबर पर विश्वास करें तो करें कैसे? शुरुआत में इस खबर को फौरी अफवाह मान लोग उस लड़के को गाली देकर मारने के लिए दौड़ने लगे। साथ ही धमकाते हुए कहा कि कि अगर खबर झूठी निकली तो उसे जिंदा नहीं बख्शा जाएगा। यह घटना नागपुर में उस वक्त हुई जब बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण की खबर हवा की तरह फैल रही थी। 

इसे भी पढ़ें: डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान निर्माण करने में अतुलनीय योगदान रहा

उस वक्त के 10-11 साल के दामू मोरे अब 87 साल के हो गए हैं। हर साल महापरिनिर्वाण दिवस आने के बाद दामू मोरे आज भी उस दिन को याद कर परेशान हो जाते हैं। यह दुखद समाचार हमें बताना ही होगा, उनके दिलों में दर्द आज भी कायम है। उनका पैतृक व्यवसाय नागपुर में प्रसिद्ध मोर साउंड सर्विस है। भाई अंबेडकरी आंदोलन से निकटता से जुड़े थे। आंदोलन के स्थानीय नेता उनके पास आते-जाते रहते थे। 6 दिसंबर, 1956 को बाबासाहेब का दिल्ली में निधन हो गया। नागपुर में कुछ नेताओं को इसकी भनक लग गई। कुछ लोग इस जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए मोरे आए। एक छोटा दामू भी था। बाबासाहेब के देहांत की खबर सुनते ही उनके चाचा के लिए संभलना मुश्किल हो गया। उसने यह जिम्मेदारी दामू पर डाल दी। 

इसे भी पढ़ें: बाबा साहेब के 66वीं पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र में कोश्यारी, शिंदे ने दी श्रद्धांजलि

रिक्शा की व्यवस्था की गई, जिसमें दामू माइक और अन्य सामग्री लेकर बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण का समाचार देने लगा। वह एक-एक कर शहर में घूमे। बरक्या पोरा से बाबासाहेब के गुजर जाने की खबर सुनकर लोग सदमे में आ गए। यह निर्णय लिया गया कि बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण का समाचार जन-जन तक पहुँचाने का कार्य उदारतापूर्वक करना है। बाबासाहेब के जाने की खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई। अराजकता फैल गई। लोग ऑक्साबॉक्सी रोने लगे। दामू कहते हैं, महापरिनिर्वाण का समाचार देकर वे घर जाने वाले थे। तब लोग मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन की ओर भाग रहे थे।

अन्य न्यूज़



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *