अंकित कुमार सिंह/सीवान. बिहार के सीवान के लोगों के लिए प्रदूषण बड़ी समस्या बन गई है.जहां एक तरफ वायु प्रदूषण ने अपना कहर बरपा रखा है, तो वहीं दूसरी ओर ध्वनि प्रदूषण से लोग जूझ रहे हैं. वैसे ही जिले में एक्यूआई लेबल 400 के पार चला गया है. लोगों को जहरीली हवा के बीच सांस लेना भी कठिन हो गया है तो वही व ध्वनि प्रदूषण लोगों का सोना तक मुहाल कर दिया है. जिले के हसनपुरा प्रखंड में ध्वनि प्रदूषण को लेकर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही हसनपुरा प्रखंड के बुजुर्ग में ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए रात्रि 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसकी काफी सराहना की जा रही है.
हस्ताक्षर अभियान चलाकर ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंध
सीवान जिले हसनपुरा प्रखण्ड में स्थानिय मुखिया व ग्रामीणो ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंध लगा दिया गया. हसनपुरा प्रखंड के उसरी खुर्द व नगर पंचायत के उसरी बुजुर्ग में ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए रात्रि 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया. उसरी खुर्द के मुखिया प्रतिनिधि कलीम खान व सरपंच प्रतिनिधि पति नन्हें अली, वार्ड सदस्य जितेंद्र यादव व मुन्ना प्रसाद की पहल पर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि रात्रि 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर नहीं बजेगा. इसके लिए समाज के विभिन्न लोगों से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया.
ध्वनि प्रदूषण से लोगों का सोना हो गया था मुहाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण की वजह से उन्हें रात में सोना तक मुहाल हो जा रहा है.जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है. ध्वनि प्रदूषण की वजह से लोग सो भी नहीं पा रहे हैं.जिस वजह से वह बीमार पड़ जा रहे हैं. वैसे भी जिले के लोग पहले से ही वायु प्रदूषण से परेशान है तो वही दूसरी ओर ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए आफत बना हुआ है.इस वजह से लोगों को जागरूक करते हुए ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाकर सभी वर्गों के लोगों से सहमति ली गयी.
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को पहुंचाती है हानि
सीवान जिले के मैरवा रेफरल अस्पताल के चिकित्सक अमित कुमार सिंह बताया कि ध्वनि प्रदूषण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकती है.ध्वनि प्रदूषण के इफेक्ट पड़ने से इंसान में चिड़चिड़ापन एवं आक्रामकता के अतिरिक्त उच्च रक्तचाप, तनाव, चिंता , बेचैनी , बातचीत करने में समस्या , बोलने में व्यवधान , सुनने में समस्या , उत्पादकता में कमी , सोने के समय व्यवधान , थकान , सिरदर्द , चिड़चिड़ापन , घबराहट , कमजोरी , ध्वनि की संवेदन शीलता में कमी जिसे हमारे शरीर की लय बनाए रखने के लिये हमारे कान महसूस करते हैं.नींद में गड़बड़ी और अन्य हानिकारक प्रभाव पैदा कर देता है. इसके अलावा, तनाव और उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य समस्याओं के प्रमुख हैं,जबकि कर्णक्ष्वेड स्मृति खोना, गंभीर अवसाद और कई बार असमंजस के दौरे पैदा हो जाते हैं. जो इंसान के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नही है.
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Tags: Bihar News, Siwan news
FIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 14:37 IST