सीवान के एक गांव में 16 साल से खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे बच्चे, पक्के भवन का और कितना लंबा करना होगा इंतजार

रिपोर्ट- अंकित कुमार सिंह

सीवान: बिहार सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर लाख दावा कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है. इसकी बानगी सीवान में देखने को मिली जहां सरकारी विद्यालय खुले आसमान के नीचे चल रहा है. इस स्कूल में छात्र खुले आसमान में पढ़ने को मजबूर हैं. एक तरफ जहां प्रदेश भर में सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प हो रहा है. दूसरी तरफ सीवान के लकड़ी नवीगंज प्रखंड के खवासपुर नवसृजित विद्यालय में छात्र खुले आसमान व टीन के कर्कट के नीचे चल रहा है. कड़ी धूप हो या ठंड का मौसम या फिर बरसात, इस विद्यालय के छात्र टीन शेड के नीचे पढ़कर अपना भविष्य संवारने में जुटे हैं.

सीवान जिले के लकड़ी नवीगंज प्रखंड के खवासपुर गांव में स्थित नया प्राथमिक विद्यालय की स्थापना 2006 में हुई थी. ताकि ग्रामीण व मध्यवर्गीय तथा गरीब परिवार के बच्चे पठ-लिखकर अपना भविष्य उज्जवल बना सके. विद्यालय स्थापित तो कर दिया गया, लेकिन न तो विद्यालय का भवन बन सका और न ही वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. यहां के बच्चे विद्यालय के भवन के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं के लाभ से उपेक्षित है. 16 वर्ष बीतने के बाद भी विद्यालय का भवन नहीं बन सका. टीन का शेड तैयार कर स्कूल चलाने की औपचारिकता निभाई गई. बच्चे अब भी खुले आसमान और सिर में पढ़ने को मजबूर है.

दूसरे के घर रखा जाता है कुर्सी और टेबल
सीवान जिले के लकड़ी नवीगंज प्रखंड के खवासपुर गांव में स्थित नया विद्यालय के कुर्सी, टेबल और अन्य सामने दूसरे के घर रखा जाता है. शिक्षकों एवं बच्चों के विद्यालय आने पर दूसरे के घर रखे गए कुर्सी और टेबल मंगाकर पठन-पाठन की प्रक्रिया शुरू की जाती है. विद्यालय में पठन-पाठन की प्रक्रिया समाप्त होने पर दूसरे के घर ही कुर्सी और टेबल रखने के लिए भेज दिया जाता है. यह प्रक्रिया विगत 16 वर्षों से ऐसे ही चली आ रही है.

विद्यालय में 120 बच्चों का है नामांकन
शिक्षकों ने बताया कि नया विद्यालय खवासपुर में 120 बच्चों ने दाखिला लिया है. रजिस्टर में भी 120 बच्चों की नामांकन अंकित है. हालांकि उपस्थित की बात करें तो स्कूल में लगभग 60 बच्चे ही आते हैं. इस बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में 6 शिक्षकों को नियुक्ति किया गया है. हालांकि विद्यालय में मात्र 4 से पांच शिक्षक ही उपस्थित रहते हैं.

भवन के नाम पर शेड तैयार करने का मिला आवंटन
प्रधानाध्यापक हरुन रसीदी ने बताया कि सरकार के तरफ से 2022 में ही 50 हजार रुपएकी राशि विद्यालय में शेडके लिये आवंटित की गई है. जल्द ही शेड बनाया जाएगा. इसको लेकर तैयारी चल रही है. हालांकि सवाल यह उठता है कि विद्यालय कब तक शेड में चलेगा. क्या भवन के नाम पर सिर्फ विद्यालय को शेड ही मिलेगा.

बीडीओ को जांच में मिली अनियमितता
लकड़ी नवीगंज के बीडीओ सुशील कुमार वरीय अधिकारियों के निर्देश पर विद्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. जहां जांच के दौरानअनियमितता पाई गई. विद्यायल में भवन के नाम पर एक शेड मिला. बीडीओ ने कहा कि खवासपुर विद्यालय के लिये कब-कब और कितनी राशि आवंटित हुई है इसकी जांच भी की जाएगी. यदि इसमें गड़बड़ी पायी जाती है तो संलिप्त लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Tags: Bihar News, Siwan news

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