सीतामढ़ी के इस युवक के लिए वरदान बना मुर्गी पालन, हर माह इतनी कर रहे हैं कमाई 

भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी: अधिकतर युवाओं का सपना होता है कि वह अच्छी से अच्छी नौकरी करे, लेकिन नौकरी सभी को नसीब नहीं हो पता है. इससे युवा निराश हो जाते हैं और खुद को हारा हुआ मान लेते हैं.अब ऐसे युवाओं को निराश होने की जरुरत नहीं है. सरकार भी स्वरोजगार के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही है. जिससे युवा खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

इसमें मुर्गी पालन एक बेहतर विकल्प है. एक शेड बनाकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं. सीतामढ़ी जिला स्थित पंतपाकर के रहने वाले आशुतोष कुमार 10 हजार क्षमता वाली मुर्गी के शेड का फार्म हाउस चला रहे हैं. इससे हर माह 75 हजार तक की कमाई कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को रोजगार भी दिया है.

पांच वर्षों से आशुतोष कर रहे हैं मुर्गी पालन

आशुतोष कुमार ने बताया कि पिछ्ले पांच वर्षो से मुर्गी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जो प्रतिदिन चलता है. उन्होंने बताया कि सही मायने में जितना बाजार में डिमांड है, उतना पूरा नहीं हो पता है. अगर कोई व्यक्ति इसको व्यवसाय समझ कर मुर्गी पालन का शुरुआत करता है तो बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि रिटेलर और हॉकर की सलाह से इस व्यवसाय में हाथ आजमाया और अब अच्छी कमाई हो रही है. आशुतोष ने बताया कि बॉयलरमुर्गी का पालन कर रहे हैं. एक चूजे की कीमत 45 रुपए पड़ता है. गर्मी के दिनों में 35 से 36 दिन और सर्दी में 45 से 47 दिन का समय लगता है.

हर माह 70 से 75 हजार की हो रही है कमाई

आशुतोष कुमार ने बताया कि मुर्गी पालन की शुरुआत पांच हजार क्षमता वाले शेड से किया था. शेड को तैयार करने में 17 लाख की लागत आया था. इस राशि को रिकवर होने में 2 वर्ष का समय लग जाता है. इस पर सरकार अनुदान भी देती है.

मुर्गी पालन की शुरुआत करने वाले लोग सरकार के अनुदान का भी लाभ ले सकते हैं. आशुतोष कुमार ने बताया कि फिलहाल 10 हजार क्षमता वाले शेड में मुर्गियों का पालन कर रहे हैं. मुर्गी पालन से हर माह 70 से 75 हजार की कमाई हो जा रही है. वही चार लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है.

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