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धीरेन्द्र शास्त्री ने दरबार को संबोधित करते हुए कहा कि ना चांद की चाहत, न तारों की फरमाइश, हर पल तू मेरे साथ रहे बस यही मेरी ख्वाहिश. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैंने सोचा था कि सीकर में ज्यादा लोग नहीं होंगे लेकिन यहां रोड शो के दौरान खड़े-खड़े कमर टूट गई. बड़ी मुश्किल से यहां तक पहुंच पाए. (Photo credit: @twitter.com/bageshwardham)