सिंगापुर के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति थरमन उच्च स्तर के समर्थन से हैरान

हम अपने दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के स्थायी संबंध को और मजबूत करने के लिए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति षणमुगरत्नम और सिंगापुर के लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी थरमन को सिंगापुर का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।

सिंगापुर के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति थरमन षणमुगरत्नम ने बधाई संदेशों के बीच शनिवार को कहा कि वह इतने उच्च स्तर के समर्थन से आश्चर्यचकित हैं और वह जनता द्वारा दिए गए जनादेश को पूरा करने को लेकर बेहद गंभीर हैं।
सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के 66 वर्षीय उम्मीदार थरमन ने शनिवार तड़के 70.4 प्रतिशत मतदान हासिल कर बड़े अंतर से राष्ट्रपति चुनाव जीता। वर्ष 2011 के बाद से यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था।
आधिकारिक परिणाम घोषित होने के बाद थरमन ने अपने पहले साक्षात्कार में पत्रकारों से कहा, मुझे इतने उच्च स्तर के समर्थन की उम्मीद नहीं थी, जिसका अर्थ यह भी है कि काफी संख्या में वह लोग भी थे जिन्होंने सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मतदान नहीं किया, जिन्होंने निर्णय लिया कि यह राजनीतिक चुनाव नहीं है और ना ही यह आम चुनाव है। उन्होंने मेरे पक्ष में मतदान करने का फैसला किया और मुझे लगता है कि यह काफी उत्साहजनक है।

अर्थशास्त्री से नेता बने थरमन ने परिणाम को सिंगापुरवासियों की ओर से उल्लेखनीय एकता बताते हुए कहा कि उनका मानना है कि जनता ने जिस तरह से उनके लिए मतदान किया है वह काफी समझदार है।
चैनल न्यूज एशिया ने पूर्व उप प्रधानमंत्री और वरिष्ठ मंत्री के हवाले से कहा, मुझे लगता है कि यह भी दिलचस्प है कि सिंगापुर के लोग जिन्हें लेकर मेरा मानना है कि एक गैर-पक्षपाती राष्ट्रपति चाहते हैं… वे नहीं सोचते हैं कि किसी राजनीतिक दल का सदस्य होने या यहां तक कि कैबिनेट का सदस्य होने से किसी व्यक्ति की गैर-पक्षपाती होने की क्षमता कम होनी चाहिए।
उन्होंने कहा,“यह सब व्यक्ति, व्यक्ति के चरित्र, व्यक्ति की प्रतिष्ठा और उन सभी सीमाओं को पार करने की क्षमता पर निर्भर करता है जिनके बारे में आप सिंगापुर में सोच सकते हैं। मेरा मानना हमेशा से यही रहा है।
थरमन ने कहा, इसलिए, मुझे लगता है कि यह एक बहुत दिलचस्प सबक है कि सिंगापुर के लोग यह नहीं सोचते कि इतने वर्षों में मेरी राजनीतिक सेवा सही नहीं थी।
थरमन ने यह भी कहा कि वह वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मिलने और उनसे सलाह लेने के लिए उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा, हलीमा ने सिंगापुर की उल्लेखनीय रूप से अच्छी सेवा की है। मैं उनकी समदृष्टि, शिष्टता, राष्ट्रपति पद संभालने में अपनायी गयी गरिमा की प्रशंसा करता हूं।
राष्ट्रपति हलिमा का छह वर्ष का कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म हो रहा है।
सिंगापुर के प्रमुख दैनिक द स्ट्रेट्स टाइम्स की एक खबर के अनुसार, थरमन ने राजनीति में आने के 22 वर्षों के बाद राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए जुलाई में सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) और कैबिनेट में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। यह कुछ विश्लेषकों के लिए आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित रहा क्योंकि पिछले कुछ सप्ताह में पीएपी को परेशान करने वाले घोटालों को देखते हुए लग रहा था कि इससे उनकी उम्मीदवारी पर दाग लग सकता है।
इस दौरान थरमन को वैश्विक नेताओं से बधाई संदेश भी प्राप्त हुए।

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक सितंबर को कहा, “ अमेरिका और सिंगापुर आपसी सम्मान, साझा मूल्यों और सामान्य हितों की नींव पर बनी एक दीर्घकालिक और मजबूत साझेदारी साझा करते हैं। हम अपने दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के स्थायी संबंध को और मजबूत करने के लिए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति षणमुगरत्नम और सिंगापुर के लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी थरमन को सिंगापुर का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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