अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. सिरदर्द थकान दूर करने वाला ठंडा तेल अब दिमाग की नसों को बीमार कर रहा है? पूर्वांचल के सबसे बड़े अस्पताल बीएचयू (BHU) में हर दिन ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं. इन मरीजों में सिरदर्द, आंखों की रोशनी कम होना, ब्रेन हेमरेज और ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या सामने आ रही हैं. हैरानी की बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है. बीते एक महीने में करीब 50 ऐसे केस सामने आ चुके हैं. ऐसे में यदि आप भी ठंडे तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अभी से सावधान हो जाइए.
बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वीएन मिश्रा ने बताया कि ठंडे तेल का साइड इफेक्ट बहुत खतरनाक है. बाजार में कई ब्रांड के ठंडे तेल बिकते हैं, लेकिन उनमें कपूर की मात्रा अधिक होने से आंखों की रोशनी कम होने के साथ दिमाग के नसों से जुड़ी कई तरह की बीमारियां सामने आ रही हैं. साथ ही बताया कि 62 तेलों पर रिसर्च के दौरान कपूर की मात्रा अधिक पाई गई है.
ठंडे तेल की लत नशे की तरह
डॉ वीएन मिश्रा के मुताबिक, ठंडे तेल का इस्तेमाल नशे की लत जैसा है. आम तौर पर सिरदर्द और थकान में इससे फौरी तौर पर आराम मिल जाता है, लेकिन बाद में यह दिमाग के नसों के लिए घातक बन जाता है.
मरीजों से फीडबैक के बाद निकाला रिजल्ट
डॉ वीएन मिश्रा के मुताबिक, अस्पताल में आने वाले मरीजों की फीड बैक के बाद पता चला कि ठंडे तेल के इस्तेमाल से लोगों को तरह तरह परेशानियां हो रही हैं. साथ ही बताया कि पूर्वांचल के अलग अलग जिलों से इससे जुड़े मरीज लगातार सामने आ रहे हैं.
मानक से ज्यादा होती है कूपर की मात्रा
बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वीएन मिश्रा ने कहा, ‘मानक कहता है कि तेल में कपूर की मात्रा 11 एमईक्यू होनी चाहिए, लेकिन कई ब्रांड के तेलों में यह मात्रा 20 से 25 एमईक्यू है. इस वजह से ठंडा तेल नुकसान कर रहा है. ‘
.
Tags: Banaras Hindu University, BHU, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 14:37 IST