उपचुनाव राजनैतिक पार्टियों की साख का सवाल
वर्ष 2018 के बाद हुए कुल आठ उपचुनावों हुए हैं। इन आठ उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। 8 में से 5 उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी महज दो सीटों पर ही चुनाव जीत सकी। खींवसर के उपचुनाव में आरएलपी के नारायण बेनीवाल ने चुनाव जीता था। धोलपुर से शोभारानी कुशवाह (बीजेपी), राजसमंद से दीप्ति माहेश्वरी (बीजेपी), धरियावद से नगराज मीणा (कांग्रेस), वल्लभ नगर से प्रीति शक्तावत (कांग्रेस), सुजानगढ से मनोज मेघवाल (कांग्रेस), सहाड़ा से गायत्री त्रिवेदी (कांग्रेस), मंडावा से रीटा चौधरी (कांग्रेस) और खींवसर से नारायण बेनीवाल (आरएलपी) ने जीत दर्ज की थी। अब सरदार शहर में हो रहा उपचुनाव आगामी चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। कांग्रेस सहानुभूति के भरोसे है जबकि बीजेपी बूथ मैनेजमेंट पर जोर लगाकर सीट हथियाने की कोशिश में है। कांग्रेस अपनी सीट को बरकरार रखने की पूरी कोशिश कर रही है और बीजेपी सीट छीनने के लिए पूरा जोर लगा रही है। उधर आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने भी चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी।
करीब 3 लाख मतदाता चुनेंगे अपना नया विधायक, जातिगत फेक्टर को भी जानिए
मुख्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक सरदार शहर उपचुनाव में 2 लाख 89 हजार 579 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें से 1 लाख 52 हजार 640 पुरुष मतदाता हैं जबकि 1 लाख 36 हजार 935 महिला मतदाता हैं। साथ ही 4 मतदाता ट्रांसजेंडर हैं जबकि 497 सर्विस वोटर्स भी हैं। जातिगत फेक्टर की बात की जाए तो यहां जाट वोटर सर्वाधिक हैं। यहां करीब 65 हजार जाट मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर दलित समाज के वोट हैं। करीब 55 हजार से ज्यादा दलित वोटर्स हैं। इसके साथ ही करीब 45 हजार ब्राह्मण मतदाता, 23 हजार मुस्लिम, 20 हजार राजपूत और शेष अन्य समाजों के वोट हैं। जाट वोटर्स ज्यादा होने के चलते आरएलपी प्रत्याशी द्वारा काफी वोट प्राप्त करने की संभावना है।
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